मैनपुरी में 33 हजार से ज्यादा आवासहीन परिवारों को मिला मकान, इस योजना से गरीबों को मिली खुशियां

अंत्योदय का संकल्प जताने वाली केंद्र सरकार इसको सिद्ध करने में सफल हो रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीबों के खुद के घर का सपने को साकार कर दिया है। मौसम की मार के बीच मुश्किलें झेलने वाले परिवारों को मुक्ति मिली है। जिले में बीते साल में शहर से लेकर देहात तक 33 हजार 330 गरीबों के घर इस योजना की मदद से बन चुके हैं।

मैनपुरी,अंत्योदय का संकल्प जताने वाली केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार इसको सिद्ध करने में भी सफल हो रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीबों के खुद के घर का सपने को साकार कर दिया है। मौसम की मार के बीच मुश्किलें झेलने वाले परिवारों को मुक्ति और जीवन स्तर में बदलाव की नई राह दिखाई है।

33 हजार से अधिक लोगों को मिला आशियानाजिले में बीते साल में शहर से लेकर देहात तक 33 हजार 330 गरीबों के घर इस योजना की मदद से बन चुके हैं। जबकि 2 हजार 204 पात्रों के आवास अभी निर्माणाधीन हैं। रघुनाथपुरम निवासी रामविलास गोल गप्पे का ठेला लगाकर परिवार पालते हैं। प्लाट तो था, लेकिन मकान बनवाने को धन आड़े आ रहा था। 2017 में आवास के लिए पत्नी दीपिका वर्मा के नाम से आवेदन किया।2018 में उनकी पत्रावली स्वीकृत हो गई। निरंतर किस्त मिलने के बाद 2018 में अपना मकान बनवाकर अब परिवार के साथ रह रहे हैं। रामविलास कहते हैं कि उन्हे तो लगता था कि पूरे जीवन घर नहीं बनवा पाएंगे, परंतु प्रधानमंत्री ने उनका सपना पूरा कर दिया। नगला मूले, गोला बाजार निवासी ममता कुमारी पत्नी प्रमोद कुमार ने भी 2017 में आवास के लिए आवेदन किया था।

2018 में डीपीआर स्वीकृत हुई तो उन्हें जिओ टैगिंग पर पहली किस्त मिली। 2019 में आवास पूर्ण होने के बाद शासन स्तर से योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई अंतिम किस्त के बाद से उन्हें अपना घर की सुविधा मिल सकी। वह इसके लिए नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते नहीं थकते। कहते हैं कि इस सरकार ने सचमुच गरीबों के लिए सोचा है। लोगों की जीवन में परिवर्तन की यह तस्वीर शहर से लेकर गांव तक दिखती है।

2016 में हुई थी योजना की शुरुआतकेंद्र में पहली बार सरकार बनाने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इस योजना को 2016 प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। इसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग योजना चल रही है। पीएम आवास योजना ग्रामीण में पहली साल ही चार हजार से अधिक ग्रामीणों के पक्के मकान के सपने को साकार करने के लिए योजना से जोड़ा गया।योजना की शुरूआत से अब तक पात्र ग्रामीणों को 23 हजार से अधिक आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष के लिए भी 753 आवास स्वीकृत हुए हैं। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना (नगरीय) के लिए जिले में नामित जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) कार्यालय में 45 हजार से ऊपर आवेदन आए। छह वर्ष में 11259 आवेदकों को योजना का लाभ देकर आवास बनवाए गए।

डूडा कार्यालय के अनुसार सात अलग-अलग चरणों मे सभी जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध कराए जा चुके हैं। अब भी प्रतिदिन लगभग 10 से 15 आवेदन आ रहे हैं। जिन्हें जमा किया जा रहा है। यदि शासन स्तर से आठवां चरण संचालित कराया जाता है तो इनको भी लाभ मिलेगा।