फर्रुखाबाद, 8 अगस्त 2023 मां के दूध में पोषक तत्वों की भरमार होती है जिससे नवजात को जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा मिलती है l इसी को लेकर जिले में एक से सात अगस्त के बीच स्तनपान सप्ताह मनाया गया l अभियान एक सप्ताह का जरूर था, लेकिन हमारी आशा कार्यकर्ता, एएनएम और सीएचसी स्तर पर चिकित्सक व नर्स रोजाना गर्भवती व धात्री महिलाओं को स्तनपान को लेकर में जागरूक करती रहती हैं। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का l
एसीएमओ ने कहा कि जो माताएं बच्चों को भरपूर स्तनपान कराती हैं, उन्हें बच्चों की बीमारियों को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं रहती । मां का दूध बच्चे को रोगों से लड़ने की ताकत देता है और कई जानलेवा बीमारियों से महफूज रखता है । इसलिए स्तनपान के फायदे को जानना हर महिला के लिए बहुत जरूरी है।
इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नवाबगंज में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ लोकेश शर्मा ने मंगलवार को सीएचसी पर भर्ती प्रसूताओं को स्तनपान के फायदे बताए l इस दौरान उन्होंने कहा कि स्तनपान को बढ़ावा देकर शिशु मृत्यु-दर में कमी लाई जा सकती है। स्तनपान की सही जानकारी न होने के कारण बच्चा संक्रमण, दस्त का शिकार हो जाता है। मां का दूध बच्चे के लिए केवल छह-आठ महीने तक श्रेष्ठ ही नहीं, जीवन रक्षक भी होता है।
जन्म के तुरंत बाद और एक घंटे के अंदर बच्चे को मां का पहला पीला गाढ़ा दूध देना चाहिए l इसमें कोलोस्ट्रम होता है जो नवजात को जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है l उन्होंने बताया कि छह माह की उम्र तक बच्चे को केवल स्तनपान ही कराएं। इसके अलावा कुछ भी न दें, यहां तक कि पानी भी नहीं।
इस दौरान सीएचसी पर भर्ती हुसैनपुर की रहने वाली प्रसूता सोनी ने बताया – “मेरे पहले से दो बच्चे हैं। मैंने दूसरे बच्चे को छह माह तक सिर्फ़ अपना ही दूध पिलाया था ,वह स्वस्थ है। पहले बच्चे के जन्म पर मुझे पता नहीं था कि मां का पहला दूध बच्चे के लिए फायदेमंद होता है। मैंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए वह काफी बीमार रहा l मेरा सभी से कहना है कि अपना दूध पिलाएं और छह माह तक ऊपर का कुछ भी न दें l
मां के दूध में होते हैं जरूरी पोषक तत्व :
डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिबाशीष उपाध्याय बताते हैं कि मां के दूध में जरूरी पोषक तत्व, एंटी बाडीज, हार्मोन, प्रतिरोधक कारक और ऐसे आक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो नवजात शिशु के बेहतर विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं | शिशु को सही समय पर और पर्याप्त मात्रा में मां का दूध न मिल पाना भी कुपोषण की समस्या का एक प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि मां का दूध शिशु को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है ।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (2019 -21) के अनुसार जिले में छह माह से कम उम्र के 58.6 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिनको सिर्फ मां का दूध पीने को मिलता है वहीं यह दर एनएफएचएस 4 ( 2015 16) में 56.4 प्रतिशत थी। जागरूकता की वजह से जिले में स्तनपान को बढ़ावा मिला है l वहीं एनएफएचएस 4 के अनुसार जिले में तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चे जिन्होंने एक घंटे के अंदर सिर्फ मां का दूध प्राप्त किया, इस की दर 22.1 प्रतिशत थी जो एनएफएचएस- 5 के सर्वे में 32.9 प्रतिशत हो गई है। यह भी जागरूकता का असर हैl सीएचसी में भर्ती प्रसूता विनीता, अश्विनी, नाजरीन, ममता सहित अन्य प्रसूताओं को स्तनपान के फायदे बताए गए l इस दौरान स्टाफ नर्स गुंजन और पूजा सक्सेना मौजूद रहीं l