उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में अलग-अलग क्षेत्र निवासी डेढ़ साल की बच्ची सहित दो मरीजों की बुखार की चपेट में आने से मौत हो गई। वहीं पांच अन्य को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिछले एक सप्ताह में 58 मरीजों को जिला अस्पताल में बुखार से संबंधित दिक्कतों के चलते भर्ती कराया गया है।
जिले में बरसात के बीच वायरल फीवर ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। वायरल की चपेट में आने से लोगों की मौत भी हो रही है। थाना औंछा क्षेत्र के गांव देवपुर निवासी जितेंद्र सिंह की डेढ़ साल की पुत्री अयांशी को पिछले कुछ दिनों से बुखार की दिक्कत थी। बुखार से उसका मुंह भी पक गया था। परिजन उसका एक निजी डॉक्टर के यहां उपचार करा रहे थे। हालत बिगड़ने पर परिजन रविवार की दोपहर उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे यहां डॉक्टरों ने उसे हर संभव उपचार दिया लेकिन उपचार के 10 मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई।
थाना भोगांव क्षेत्र के मौजेपुर हविलिया निवासी 65 वर्षीय भारत सिंह पिछले कुछ दिन से बुखार की चपेट में थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत भी हो रही थी। परिजन उनका एक निजी डॉक्टर के यहां उपचार करा रहे थे। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने शनिवार को उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उपचार के दौरान शनिवार की रात उनकी मौत हो गई।
वायरल फीवर से पीड़ित मरीज एक सप्ताह में जिला अस्पताल में बढ़े हैं। जिला अस्पताल में दर्ज रिकार्ड पर यदि नजर डाली जाए तो पता चलता है कि पिछले एक सप्ताह में जिला अस्पताल की ओपीडी में 655 मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया गया है। 56 मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया गया है। तीन मरीजों की मौत हुई है।
वायरल फीवर के लक्षण-
शरीर में दर्द होना
कमजोरी महसूस करना
भूख न लगना
मांसपेशियों में दर्द
सिर में दर्द की शिकायत
वायरल के कारण
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. जेजे राम का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से उसके वायरस दूसरे व्यक्ति को भी अपनी चपेट में ले लेते हैं। वायरल संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु या कीड़े मकौड़े बच्चे को काट लें तो उससे भी वायरल फीवर हो सकता है। दूषित पानी पीने और खान-पान से भी वायरल के मरीज बढ़ रहे हैं।
बचाव के उपाय-
बच्चे को खूब आराम करने दें
डॉक्टर द्वारा दी गई दवा की डोज को बीच में न छोड़े, पूरा कोर्स करें
ऐसे बच्चे जिन्हें पहले से सर्दी, खांसी, जुकाम हों उन बच्चों के संपर्क से दूर रखें
बच्चों को बाहर की खाद्य सामग्री न दें
साफ-सफाई का ध्यान रखें।
बच्चों के हाथ अच्छे से धुलाएं
साफ कपड़े पहनाएं
सफाई से रहना सिखाएं
REPORT: YOGESH KUMAR
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ