पीलीभीत में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति ने शनिवार को विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा की। समिति ने कहा कि विवाहित पुत्रियों को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने का अधिकारी है। समिति के सभापति डॉ. हरि सिंह ढिल्लो ने सेवानिवृत्त कर्मियों के प्रकरणों को संवेदनशीलता के साथ निस्तारित करने के निर्देश दिए।
समिति के सदस्य रामगोपाल उर्फ गोपाल अंजन, अंगद कुमार सिंह, शहनवाज खान, उप सचिव पीएन द्विवेदी एवं समीक्षा अधिकारी सुनील कुमार ने शनिवार को विकास भवन सभागार में सभापति हरि सिंह ढिल्लो के नेतृत्व में लंबति मामले की समीक्षा की। समिति ने अभिहित अधिकारी से अब तक की गई छापेमारी की जानकारी ली।
समिति को बताया गया कि वर्ष 2022 से अब तक दूध, मावा, पनीर, मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थ के 369 नमूने एकत्र किए। इसमें 143 नमूने अधोमानक पाए गए। वर्ष 2022 से अब तक वादों की संख्या 197 है। इसमें कोर्ट द्वारा 1.11 करोड़ से ज्यादा अर्थदंड डाला गया। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि वर्ष 2019 से 2022 तक सेवानिवृत्त कार्मिकों 59 में 57 का भुगतान किया जा चुका है। मृतक आश्रित के 20 प्रकरणों में से 15 को नौकरी मिल चुकी है।
होमोपैथिक विभाग की समीक्षा के दौरान निरीक्षक द्वारा बताया गया कि दो सेवानिवृत्त कर्मियों का भुगतान लंबित हैं। एक प्रकरण मृतक आश्रित का लंबित है, जो शासन को भेजा गया है। जीपीएफ भुगतान 14 कर्मचारियों का लंबित पाए जाने पर नाराजगी जताई गई। इसके साथ समिति ने संबंद्ध व स्वीकृत पदों की जानकारी ली।
समिति ने निर्देश दिए गए कि मृतक आश्रितों के ऐसे मामले जिसमें नौकरी दिए जाने के संबंध में परिवार में सहमति नहीं बन रही है। उन प्रकरणों के निस्तारण के लिए कैंप लगाया जाए। परिजनों को बुलाकर सहमति बनवाई जाए। समिति ने कहा कि विवाहित पुत्रियों को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने का अधिकार है।