मैनपुरी में दो सौ वर्षों से आस्था का केंद्र बना शिवालय चांदेश्वर धाम, ईसन नदी के तट पर है स्थित

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में ईसन नदी किनारे प्राचीन शिवालय चांदेश्वर धाम स्थित है। जानकार बताते हैं कि यह शिवालय 200 साल से भी अधिक समय से लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर का निर्माण संतों ने चांदेश्वर महाराज की पूजा अर्चना के बाद कराया था।

चांदेश्वर धाम शिवालय के इतिहास पर यदि नजर डालें तो 200 वर्ष से अधिक पुराना बताया जाता है। मंदिर के गर्भगृह में काले पत्थर की शिवलिंग व नंदी स्थापित हैं। परिसर में अन्य देवों की प्रतिमाएं भी हैं। मंदिर के पुजारी सर्वात्मानंद बताते हैं कि मंदिर का निर्माण 200 साल पहले संतों ने वर्षों तक चांदेश्वर महाराज की तपस्या करने के पश्चात कराया था।

करीब दो एकड़ जमीन में बने इस मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का मंदिर भी बनाया गया है। पुजारी बताते हैं कि जिस समय मंदिर का निर्माण हुआ था। उस समय यहां आसपास कोई मकान नहीं था। यहां संत तप करते थे। संतों ने तप के बल पर ही मंदिर का निर्माण कराया था।

प्रत्येक सोमवार को पूजा के लिए पहुंचते हैं श्रद्धालु
चांदेश्वर धाम मंदिर नगर ही नहीं जिले के शिव भक्तों की पहली पसंद है। जब भी भगवान भोलेनाथ का कोई दिवस आता है तो लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए इस मंदिर में पहुंचते हैं। मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था खुद भक्तों के हाथ ही में होती है। भक्त लाइन में लगकर ही मंदिर के अंदर पहुंचते हैं और यहां पूजा अर्चना करते हैं। हर सप्ताह सोमवार को यहां पूजा करने वाले भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है।

भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूरी
मंदिर के पुजारी सर्वात्मानंद बताते हैं कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन के साथ आता है। भगवान भोलेनाथ की उस पर कृपा होती है। वह कभी निराश नहीं जा सकता। शिव की कृपा से उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। महाशिव रात्रि पर यहां भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया जाता है।

पुजारी सर्वात्मानंद ने बताया कि भगवान भोलेनाथ की कृपा से यहां केवल सोमवार ही नहीं हर रोज सुबह-शाम भक्त पहुंचते हैं। दिन के समय भी भक्तों का आना-जाना रहता है। इसलिए मंदिर के द्वार सुबह चार बजे ही खोल दिए जाते हैं।

REPORT: YOGESH KUMAR

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आदर्श कुमार

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