उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में पांच साल पहले पत्नी की जिंदा जलाकर हत्या करने वाले पति को स्पेशल जज ईसी एक्ट मीता सिंह ने दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा होने के बाद उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।
मामला बेवर थाना क्षेत्र के नगला परमा गांव का है। गांव निवासी गजेंद्र सिंह की शादी 23 जून 2012 को रूबी के साथ हुई थी। रूबी की तीन मार्च 2018 को जलकर मौत हो गई। रूबी के पिता राजवीर ने जलाकर हत्या करने की रिपोर्ट पति गजेंद्र, देवर रवी, नवीन के खिलाफ दर्ज कराई। पुलिस ने जांच करने के बाद तीनों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज ईसी एक्ट मीता सिंह की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने गजेंद्र के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर गजेंद्र को पत्नी की दहेज की खातिर जलाकर हत्या करने का दोषी पाया गया। एडीजीसी विश्वजीत राठौर और पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने उसको कड़ी सजा देने की दलील दी। स्पेशल जज ईसी एक्ट मीता सिंह ने गजेंद्र को दस साल की सजा सुनाकर सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जेल में रहकर लड़ा पूरा मुकदमा
गजेंद्र को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। एडीजीसी विश्वजीत सिंह राठौर ने बताया कि उसकी किसी भी अदालत से जमानत मंजूर नहीं हुई। उसको पूरा मुकदमा जेल में रहकर ही लड़ना पड़ा। शनिवार को निर्णय सुनने के लिए उसको जेल से ही अदालत में लाया गया। सजा होने पर उसको अदालत से ही जेल भेज दिया गया।
दोनों देवर बरी किए गए
रुबी की जलाकर हत्या करने की रिपोर्ट देवर रवी, नवीन के खिलाफ भी रुबी के पिता राजवीर ने दर्ज कराई थी। एडीजीसी पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गवाहों की गवाही के आधार पर दोनों को दहेज हत्या करने का दोषी नहीं पाया गया। दोनों को रुबी की दहेज हत्या के आरेाप से बरी कर दिया गया है।
REPORT: YOGESH KUMAR
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ