लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में एक बार फिर बड़ी लापरवाही की बात सामने आई है। इस बार मामला लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल का है। यहां शुक्रवार को एक बुजुर्ग महिला को उनके परिजन अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर आए। वहां पर डॉक्टरों ने जांच पड़ताल किया। जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मौत की पुष्टि होने के बाद बेटा अपनी मां का शव गोद में उठाकर बाहर निकल आया। इमरजेंसी के बाहर खड़े ई रिक्शे में गोद में रखकर ही शव घर ले गया। यह हाल तब है जब अस्पताल के पास मुफ्त शव वाहन की व्यवस्था है। इसके अलावा अस्पताल के बाहर शव स्ट्रेचर में ही आते हैं।
लखनऊ के निशातगंज की रहने वाली बुजुर्ग महिला को परिजन दोपहर में इमरजेंसी लाए। इमरजेंसी में इंर्टन डॉक्टरों ने जांच किया तो शरीर में कोई हरकत नहीं दिखी। ईसीजी करने बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मां की मौत से आहत बेटा और बहू अपनी मां की लाश गोद में उठाकर इमरजेंसी से निकलने लगे। इंटर्न डॉक्टर व स्टॉफ ने उसे रोका तक नहीं। यह नहीं कहा कि स्ट्रेचर का इंतजाम किया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्हें इमरजेंसी के बाहर खड़े ई रिक्शे पर शव को गोद में रखकर घर ले जाना पड़ा।
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह ने कहा कि अस्पताल में शव वाहन की सुविधा है। तीमारदारों ने शव वाहन की सुविधा लिए किसी भी डॉक्टर व स्टॉफ से नहीं कहा होगा। कहा मामले की जांच कराई जाएगी।।
बलरामपुर अस्पताल में शव को गोद में उठाकर बाहर लाए परिजन, कोई व्यवस्था नहीं
![](https://i0.wp.com/thedastak24.com/wp-content/uploads/2023/07/Capture-117.png?resize=240%2C172&ssl=1)