फर्रुखाबाद, 1जून 2023 मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए 7 जून यानि बुधवार से ‘ एक कदम सुपोषण की ओर’ अभियान चलाया जाएगा । मातृ और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चलने वाले इस अभियान में गर्भावस्था और प्रसवोपरांत महिलाओं के पोषण पर जोर देने के साथ ही सैम बच्चों को चिन्निहित कर उनको उचित इलाज और पोषण दिया जायेगा। अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती, धात्री महिलाओं, सैम बच्चों को चिन्हित कर सूचीबद्ध करेंगी। अभियान की सफलता के लिए गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और बाल विकास एवम पुष्टाहार विभाग से सीडीपीओ का उन्मुखीकरण किया गया |
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ अवनींद्र कुमार ने बताया कि जब हमारी गर्भवती महिला सुरक्षित रहेगी तभी आगे आने वाला भविष्य भी सुरक्षित रहेगा l सीएमओ ने कहा ज़िला स्तर पर वैसे तो रोज ही गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व जांचें की जाती हैं l लेकिन शासन की तरफ से उनकी वृहद स्तर पर जांच के लिए प्रत्येक माह की 1,9,16और 24 तारीख नियत की गई है इस दिन सीएचसी, पीएचसी, उपकेंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से लेकर जिला स्तरीय अस्पताल में भी गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व जांच की जाती है l
मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि बुधवार यानि सात जून से 6 जुलाई तक चलने वाले अभियान में प्रत्येक गर्भवती व धात्री महिलाओं तक आयरन, कैल्शियम व फोलिक एसिड की उपलब्धता और दवाओं का सेवन सुनिश्चित करने का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही प्रसव पूर्व जांच तथा समय से गोलियों के सेवन के लिए भी जागरूक किया जाएगा। साथ ही सैम बच्चों को अमोक्सीसीलीन, फॉलिक एसिड, आई एफ ए सीरप, अल्वेंडाजोल, विटामिन ए और मल्टी विटामिन का सेवन शत प्रतिशत सुनिश्चित किया जायेगा lउन्होंने कहा कि अभियान में अभियान के तहत आवश्यक दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
डॉ सिंह ने बताया कि 7 जुलाई 13 जुलाई तक छूटे हुए लाभार्थियों के लिए मापअप सप्ताह मनाया जाएगा और आवश्यक सेवाएँ प्रदान की जाएगी।
डीपीएम कंचन बाला ने बताया कि अभियान के तहत मिलने वाली सेवा सभी स्वास्थ्य इकाईयों, ओपीडी और आईडीपी, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी),पीएमएसएमए (प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) तथा पीएमएसएमए (प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) प्लस एंव मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला के माध्यम से भी दी जायेगी।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 2015 16 के अनुसार 5 साल से कम उम्र के 49.1 प्रतिशत बच्चे नाटे थे जो एनएफएचएस 5( 2019 21) के अनुसार 47.8 प्रतिशत बच्चे नाटे है l 5 साल से कम उम्र के बच्चे एनएफएचएस 4 के अनुसार 8.4 प्रतिशत कमजोर थे तो एनएफएचएस 5 के अनुसार 14.3 प्रतिशत कमज़ोर है l 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे एनएफएचएस 4 के अनुसार 2.2 प्रतिशत गंभीर रूप से कमजोर थे जो एनएफएचएस 5 के अनुसार
बढ़कर 6.1प्रतिशत हो गएl
बच्चों और महिलाओं में एनीमिया
एनएफएचएस 4 के अनुसार 6-59 महीने के 38.7 प्रतिशत बच्चे जो एनीमिक थे जो अब एनएफएचएस 5 के अनुसार बढ़कर
77.1
प्रतिशत हो गए हैं l
एनएफएचएस 4 के अनुसार 15-49 वर्ष की 29.3 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं जो एनीमिक थीं अब बढ़कर
एनएफएचएस 5 के अनुसार 47.7 प्रतिशत हो गई हैं l
इस दौरान डीसीपीएम रणविजय प्रताप सिंह, यूनिसेफ से डीएमसी अनुराग दीक्षित, चाई से शबाब हुसैन रिजवी , टीएसयू से रिजवान अली सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम, सीडीपीओ सुनीता, मानवेंद्र सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे l