बरेली – मान्यता प्राप्त शिक्षण संसथाओं का संगठन बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष तथा कायस्थ चित्रगुप्त महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश चन्द्र सक्सेना ने 28 तारीख को उद्धाटित होने जा रहे नये संसद भवन में महश्रृषि दयानंद सरस्वती का चित्र भी प्रमुख स्थान पर लगाते जाने की मांग की है। श्री जगदीश ने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि इस भवन में पूर्व प्रधान-मन्त्रियों ,अन्य नेताओ व महापुरुषों के चित्र लग रहे हैं, इन चित्रों में आज़ादी के प्रथम स्वप्न दृष्टा, स्वराज्य शब्द के उद्घोषक,आज़ादी के आन्दोलन कारियों को स्वतंत्रता सैनानी नाम देने वाले महर्षि दयानन्द सरस्वती का नाम नहीं देखकर बहुत दुःख हुआ। स्वामीजी के स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान में कांग्रेस के अध्यक्ष-पट्टाभिसीतारमैया ने बताया कि अस्सी प्रतिशत स्वतन्त्रता सैनानी स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की विचारधारा से प्रेरित आर्यसमाज की देन हैं, इतना ही नहीं नारी शिक्षा, सामाजिक जागरण में स्वामी जी का अग्रणी योगदान भुलाया नहीं जा सकता। नवजागरण के पुरोधा स्वामी दयानन्द जी का चित्र संसद में प्रमुख स्थान पर लगे यह हमारी एकमात्र माँग हैं।
स्वामी दयानन्द जी की जन्म द्विशताब्दी वर्ष में आर्य जनों को सरकार अविस्मरणीय तोहफा होगा। उन्होंने समस्त आर्यसमाजियों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्रीय सांसद को प्रधानमंत्री को सम्बोधित चित्र लगाए जाने हेतु ज्ञापन दें।
जगदीश चन्द्र सक्सेना प्रदेशाध्यक्ष बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश व प्रदेश उपाध्यक्ष कायस्थ चित्रगुप्त महासभा उत्तर प्रदेश। मोबाइल – 9219196917
रिपोर्टर परशुराम वर्मा