मैनपुरी की गालीबाज जेल अधीक्षक कोमल मंगलानी ! मंच से सुरक्षाकर्मी को कहे अपशब्द; वायरल हुआ Video तो जांच के दिए आदेश

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी जेल अधीक्षक कोमल मंगलानी का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में जेल अधीक्षक सरेआम अपने ही कर्मचारियों के साथ गाली गलौच कर रही हैं. वीडियो में जेल अधीक्षक ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही हैं, जिन्हें यहां नहीं लिखा जा सकता है. मामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद एक तरफ जहां लोग जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डीजी जेल ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. यह वीडियो आंबेडकर जयंती के अवसर पर जेल लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान का बताया जा रहा है. जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आंबेडकर जयंती के अवसर पर मैनपुरी जेल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में जेल अधीक्षक कोमल भी पहुंची थीं. जैसे ही वह मंच पर पहुंचीं, देखा कि कुछ सुरक्षाकर्मी आपस में कानाफूंसी कर रहे हैं. यह देखते ही जेल अधीक्षक विफर पड़ी और मंच से ही इन सुरक्षाकर्मियों का नाम लेते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए भद्दी भद्दी गालियां देने लगीं. इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि अब उन्हें गाली देने का मन हो रहा है. अपने रौ में बहते हुए कोमल मंगलानी ने सुरक्षाकर्मियों को काफी देर तक गाली सुनाया. उन्हें वाहियात श्रेणी का करार देते हुए नकारा बताया. जेल कर्मियों की माने तो जेल अधीक्षक ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए चंदा इकट्ठा करने को कहा गया था. इसके लिए एक टारगेट दिया था, लेकिन टारगेट पूरा नहीं होने से वह सुरक्षाकर्मियों से बेहद नाराज थीं. वायरल वीडियो में भी उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘छोटा सा काम दिया, उसमें भी लोगों ने इंट्रेस्ट नहीं लिया’.चंदा कम आने की वजह से उम्मीद के मुताबिक कार्यक्रम की तैयारी भी नहीं हो सकी. उन्होंने पिछले साल के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह बहुत ही शर्म की बात है कि जेल के कर्मचारी ही उन्हें सहयोग नहीं कर रहे हैं. जेल अधीक्षक ने मंच से सुरक्षाकर्मियों को शर्मिंदा करते हुए कहा कि 50-100 रुपये तो आप लोग बंदियों को थप्पड़ मारकर छीन लेते हो, लेकिन इसमें कुछ रुपया इस कार्यक्रम के लिए इकट्ठा नहीं कर सकते. बताया जा रहा है कि यह वीडियो भी किसी जेलकर्मी ने ही बनाया और बाद में उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. देखते ही देखते यह वीडियो पहले जेल कर्मियों के ग्रुप में और फिर बाहरी ग्रुपों में तैरने लगा. अगले दो तीन दिनों में ही यह वीडियो डीजी जेल के मोबाइल में भी पहुंच गया. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है. मामला तूल पकड़ने पर जेल अधीक्षक ने प्रतिक्रिया दी है कहा है कि वीडियो को एडिट किया गया है.

प्रोडेक्शन चीफ द दस्तक 24 न्यूज़ – अर्पित यादव