28 अप्रैल 2023 जिले में 11 मई को होने वाले नगर निकाय चुनाव के लिए होने वाले मतदान में अब कुछ दिन ही शेष हैंl वहीं साफ-सफाई, नाली, सड़क, खड़ंजा बनवाने की मांग तक सीमित रहने वाले इस चुनाव में इस बार क्षय रोग का मुद्दा भी जोर पकड़ रहा है। इस चुनाव में शहरवासियों की यही पुकार, क्षय रोग पर करो विचार नारा कितने असर डालेगा। पढिए पूरी रिपोर्ट ….
विख्यात समाजसेवी 90 वर्षीय अरुण प्रकाश तिवारी उर्फ ददुआ कहते हैं कि अपना जिला क्षय मुक्त बनाने के लिए मोहल्ला समिति बनाई जाए। लोगों को क्षय रोग के बारे में जागरूक किया जाए और संक्रमित व्यक्ति को पूरी सुविधा मिलेl इस काम में जनप्रतिनिधि पूरा सहयोग करें।
वहीं सुनहरी मस्जिद के मौलाना सदाकत हुसैन कहते हैं सेहत दुरुस्त तो सब दुरुस्त l हम लोगों ने जिस तरह से पोलियो को मिलकर हराया है। उसी तरह से क्षय रोग को मिटाने के लिए एकजुट होना होगा। इसके लिए जनता के नुमाइंदों को आगे आना होगा l
शहर काजी मुताहिर अली कहते हैं जनप्रतिनिधियों को अन्य मुद्दों के अलावा स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दे को भी अपने घोषणापत्र में शामिल करना चाहिए। इसमें टीबी रोग को प्रमुखता दी जानी चाहिएl
मां भागीरथी जनकल्याण समिति के संरक्षक डॉ सोमनाथ गुप्ता कहते हैं कि टीबी रोग एक बड़ा मुद्दा है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को गंभीरता से सोचना चाहिए। क्षय रोगी को इलाज के साथ पोषण की भी जरूरत होती है। इसके लिए उनके निक्षय मित्र बन उनको पोषण संबंधी योजना पर विचार कर इसको अपने घोषणापत्र में शामिल करें l
मोहल्ला हरभगत निवासी शैलेंद्री पांडे कहती हैं बीमारी कोई भी हो सब परेशानी देती हैं लेकिन टीबी रोग हो जाने पर रोगी का मनोबल गिर जाता है। इससे व्यक्ति कमजोर होने लगता है l इसके लिए उस वार्ड के सदस्य को समय-समय पर उससे मिलते रहना चाहिए। साथ ही मरीज के पोषण पर भी ध्यान देना चाहिए l मोहल्ला खड़ियाई निवासी शशि दीक्षित कहती हैं अपने-अपने वार्ड में चुने हुए सदस्य की ओर से लोगों को टीबी जैसे गंभीर विषय के बारे में जानकारी दी जाए। इसके जरिए लोगों की समस्याएं भी सामने आएंगी और इसका हल निकालने में जनप्रतिनिधि मदद करें।
क्यों बन रहा है मुद्दा
जनपद के चुनाव में टीबी उन्मूलन एक मुद्दा बन रहा है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है। एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने मात्र से पूरे परिवार व आस पड़ोस के स्वस्थ लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। यह बीमारी बाल और नाखून को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है l इसका इलाज संभव है लेकिन इलाज समय से शुरू हो जाना चाहिए। इलाज नहीं करवाने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार जनपद में वर्तमान में 2220 मरीज सक्रिय हैं। वहीं अब तक 69 निक्षय मित्रों ने 928 मरीजों को गोद लिया हैl