फर्रुखाबाद ,24 अप्रैल 2023 विश्व मलेरिया दिवस पर जिले में विभिन्न शिक्षण संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक किया जाएगा। यह कहना है संचारी रोग के नोडल डॉ. यू सी वर्मा का।
डॉ. वर्मा ने बताया कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक करना और इस बारे में सतर्क रहने की सलाह देना है कि वह मलेरिया की चपेट में आने से बचे रहें। साथ ही कहा कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम “शून्य मलेरिया देने का समय : निवेश, नवाचार व क्रियान्वयन’ रखी गई है।
प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। इंसान को सही समय पर इलाज न मिले तो इस कारण मौत भी हो जाती है। मलेरिया मादा मच्छर के काटने के कारण होता है। एक मादा मच्छर एक बार में 300 से भी अधिक अंडे देने की क्षमता रखती है। एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया रोग फैलता है और बारिश में इन मच्छरों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ता है।
डीएमओ ने बताया कि बदलते हुए मौसम में यदि आपको मच्छर काटने से ऐसी शिकायत दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
साथ ही कहा कि मलेरिया दिवस के अवसर पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को मलेरिया रोग के प्रति जागरूक किया जायेगा lसाथ ही बढ़पुर ब्लॉक के अंर्तगत आने वाले ग्राम अमेठी में गोष्ठी कर लोगों को मलेरिया के बारे में जानकारी देने के साथ ही स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य जांच की जाएगी जगह जगह पर फागिंग की जाएगी और लार्वा स्रोत खोज कर उनमें छिड़काव कराया जायेगा l
मलेरिया इंस्पेक्टर नरजीत कटियार ने बताया की सन 2017 में 45721 लोगों की रक्त पट्टिकाएं बनाई गई जिसमें 906 लोग मलेरिया ग्रसित मिले l 2018 में 47105 लोगों की रक्त पट्टिकाएं बनाई गई जिसमें 1361 लोग मलेरिया रोगी मिले, 2019 में 41521 रक्त पट्टिकाएँ बनी जिसमें 923 मलेरिया रोगी मिले, 2020 में 10507 रक्त पट्टिकाएँ बनी जिसमें 54 मलेरिया रोगी मिले, 2021 में 28,115 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए जिसमें से 155 लोग मलेरिया से ग्रसित मिले | 2022 में 67676 लोगों के रक्त्त के नमूने लिए गए जिसमें से 94 लोग मलेरिया से ग्रसित मिले l
साथ ही कहा कि इस वर्ष जनवरी 2023 से मार्च 23 तक 15,829 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए जिसमें से कोई भी मलेरिया से ग्रसित नहीं मिला| साथ ही कहा कि अभी दस्तक अभियान चल रहा है इस दौरान लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से किस तरह बचा जाए जागरूक किया जा रहा है |
साथ ही कहा कि जिले की सभी सीएचसी, पीएचसी, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में मलेरिया की जांच की जाती है l
मलेरिया के लक्षण
- संक्रमित व्यक्ति को तेज सिर दर्द होता है
- उसे उल्टी या मितली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं
- तेज बुखार आता है
- ठंड लगकर या फिर कंपकंपी के साथ बुखार आता है
- बुखार लंबे समय तक बना रहता है
- थोड़ी-थोड़ी देर पर प्यास लगती है
- हाथ और पैर में ऐंठन बनी रहती है
- थकान और कमजोरी महसूस होती है
- घबराहट और बेचैनी जैसा अनुभव होता है
- बहुत ज्यादा ठंड लगती है
मलेरिया से बचने के उपाय
- अपने आसपास कहीं पर भी पानी ना इकट्ठा होने दें।
- बारिश होने से पहले घर की छत पर पड़े टायर या फिर गमलों को पूरी तरह से ढक दें ताकि उनमें पानी इकट्ठा न हो पाए।
- कूलर के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें।
- घर के फर्श और आसपास की जगह को फिनॉयल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहें।
- अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां पर बहुत ज्यादा मच्छर हैं तो रात को सोते समय मच्छर मारने वाली क्वाइल या फिर मच्छरदानी लगाकर सोएं।
- बारिश के दिनों में ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर पूरी तरह से ढके रहें ताकि मच्छर आपको न काटे।