फर्रुखाबाद, 6 अप्रैल 2023 आज के समय में हर तरह की परिस्थिति का सामना करने के लिए शारीरिक मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार होना बहुत जरूरी है | कोविड-19 इसका एक बड़ा उदाहरण है, जिसने सारे विश्व को उनके अच्छे स्वास्थ्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है | यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार ने विश्व स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर कहीं l
सीएमओ ने कहा – एक बार फिर से कोरोना ने हमारे बीच में दस्तक दे दी है इसलिए हमें एक बार फिर से सजग और सतर्क रहना होगा l साथ ही मास्क का प्रयोग, हाथ धोने की आदत और दो गज की दूरी को जो हम सभी लोग भूल चुके हैं इसको अपने जीवन में फिर से उतारना होगा तभी हम कोरोना ही नहीं अन्य संक्रामक बीमारियों को भी मात दे पाएंगे l
सीएमओ ने बताया कि परिवार नियोजन के क्षेत्र में पिछले तीन वित्तीय वर्षो में हमने बेहतर सुविधा दी है l 2020-21 में 560 महिला नसबंदी हुई थीं तो 2021 22 में 478 तो यही आंकड़ा बढ़कर 2022-23 में 751 हो गया l वहीं त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा के बारे में बात की जाए तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2285 महिलाओं ने अंतरा लगवाए थे तो 2021-22 में 4387 तो वहीं यह आंकड़ा बढ़कर 2022-23 में 10935 हो गया l प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 2020-21 में 9641 गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया तो वहीं 2021-22 में 12079 गर्भवती महिलाओं का तो वहीं 2022-23 में 10934 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया l साथ ही इस योजना के तहत 2017 से अब तक 21 करोड़ का भुगतान लाभार्थी महिला के खाते में किया गया l वित्तीय वर्ष 2020-2021 में पीएमएसएमए दिवस पर 12681 महिलाओ की जांच की गई । 1991महिला एच आर पी थी जिसमे से 1736 एच आर पी महिलाओ के प्रसव कराए गए।वित्तीय वर्ष 2021-2022में पी एम एस एम ए दिवस पर 16939 महिलाओ की जांच की गई । 2995महिला एच आर पी थी जिसमे से 2017 एच आर पी महिलाओ के प्रसव कराए गए। आयुष्मान भारत योजना के तहत जहां 2020 21 में 1815 मरीजों ने लाभ उठाया, 2021 22 में 2512 तो वहीं 2022 23 में 4108 मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ लिया l इस समय इस योजना की वजह से हम मण्डल में दूसरे स्थान पर तो राज्य स्तर पर 30 वें नम्बर पर हैं l
सीएमओ ने बताया कि क्षय रोग का अगर समय से इलाज हो जाए तो मरीज़ जल्द स्वस्थ हो जाता है l साथ ही कहा कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक 3167 क्षय रोगी खोजे गए जिसमें से 2563 लोगों ने अपना इलाज कराया और स्वस्थ हुए, 2021 मे 3726मरीजों में से 3102 मरीजों का सफ़लता पूर्वक इलाज हुआ,2022 में 4122 मरीज़ खोजे गए जिनमें से 2490 मरीजों ने अपना इलाज कराया साथ ही 2023 में जनवरी से अब तक 1040 मरीज़ खोजे गए हैं जिनका इलाज चल रहा है l राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2020 21 में 201 बच्चों का निशुल्क इलाज किया गया तो 2021 22 में 1322 और 2022 23 में 12592 बच्चों का इलाज किया गया l
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने कहा कि फ़ास्ट फ़ूड और दिखावे के लिए शराब और सिगरेट का सहारा लेने वाले युवाओं में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और हाइपरटेंशन जैसे गैर संचारी रोग अब 30 साल की उम्र में ही शरीर पर कब्ज़ा जमाने लगे हैं, जबकि यह बीमारियाँ पहले 40 साल की उम्र के बाद की मानी जाती थीं । डॉ सिंह ने कहा – इस दिवस पर सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य जाँच के साथ ही उन्हें किस तरह से अपनी जीवन शैली में सुधार लाना है,इस बारे में जागरूक किया जायेगा |
सिविल अस्पताल लिंजी गंज में तैनात डॉ नवनीत गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान मैं दो बार कोरोना ग्रस्त हो गया था लेकिन मैंने होम आइसोलेशन में रहकर और नित्य व्यायाम कर व नियमित दवा खाकर खुद को फिट रखा l इसलिए मेरा सभी से निवेदन है कि संक्रमण होने पर घबराएं नहीं। स्वास्थ्य संबंधी कुछ भी असहज महसूस होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। वहीं इसी अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात अंकित दीक्षित ने बताया कि मैं रोज ही कोरोना के मरीजों का सैंपल लेता था। एक दिन मैं भी कोविद पॉजिटिव हो गया था। चूंकि मैं रोज व्यायाम करता और अपने खानपान का विशेष ध्यान रखता था इसलिए उस दौरान मैं घर पर रहकर ही स्वस्थ हो गया थाl