फर्रुखाबाद ,11 मार्च 2023 जिले में इस समय किन्हीं कारणों से टीकाकरण से छूटे बच्चों को टीका से प्रतिरक्षित करने के लिए विशेष टीकाकरण पखवाड़ा चलाया जा रहा हैl यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार काl
सीएमओ ने बताया कि जिले में 13 मार्च से 24 मार्च के बीच में विशेष टीकाकरण पखवाड़ा चलाया जाएगाl इस दौरान किसी भी कारणवश छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जाएगाl इससे पहले 9 जनवरी से 20 जनवरी तक पहला पखवाड़ा और 13 फरवरी से 24 फरवरी दूसरा पखवाड़ा मनाया गया थाl इस दौरान छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया गयाl
सीएमओ ने कहा कि जब बच्चा मां के गर्भ से बाहर आता है तो यह दुनिया उसके लिए अलग होती है l ऐसे में इस वातावरण में ढलने के लिए उसको समय चाहिए होता हैl लेकिन इस संसार में मौजूद कई बीमारियां उस पर हावी होने के लिये तैयार बैठी होती हैंl इसीलिए बच्चे को जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने का एकमात्र विकल्प टीकाकरण ही हैl सीएमओ ने अपील कि बच्चों का जीवन अनमोल है इसलिए अपने बच्चे का टीकाकरण जरूर कराएं l
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार दिसम्बर 2023 तक मिजिल्स रूबैला उन्मूलन एवं सभी वैक्सीन रोधी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अर्न्तगत पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को एमआर की दो डोज एवं अन्य ड्यू वैक्सीन दी जा रही है। नौ माह से लेकर पांच साल तक के छूटे बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव को लेकर तीन माह का अभियान चलाया जा रहा है। इसका अंतिम चरण 13 मार्च से शुरू होगा l
उन्होंने बताया कि टीकाकरण काफी सुरक्षित और असरदार हैं। कुछ टीकों के लगने के बाद बच्चों को बुखार भी आता है लेकिन इससे डरने की जरुरत नहीं है । इसके लिए सत्र स्थल पर एएनएम दवा भी देती हैं. इससे बुखार सही हो जाता है बुखार आने के भय से अपने बच्चे का टीकाकरण न रोकें यह उसके जीवन के लिए सही नहीं है l जब भी टीकाकरण कराने जाएं टीकाकरण कार्ड अपने साथ जरूर लाएंl
डीआईओ ने बताया कि 13 फरवरी से चले अभियान के दौरान बच्चों को टीबी से बचाने के लिए बीसीजी के 2232, ओपीवी के 12668, डीपीटी के 5054, डिप्थीरिया (गलघोंटू), काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस-बी और हिब जैसी पांच जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए 9040, बच्चों को पेंटावैलेंट के टीके, इंजेक्टेबल पोलियो के 8607, रोटा वायरस से बचाव के लिए 9055, निमोनिया से बचाने के लिए 2464 टीके लगाए गए, वहीं खसरा व रूबेला रोग से बचाव के लिए 5828 बच्चों को एमआर का टीका दिया गया | 6388 गर्भवती महिलाओं को टिंटनेस से बचाव के लिए टीके लगाए गए l
यूएनडीपी से वीसीसीएम मानव शर्मा ने बताया कि बच्चों के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । यह टीके बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर किसी बच्चे का टीकाकरण छूट गया है तो आपके पास में लगने वाले टीकाकरण सत्र पर जाकर अपने बच्चे को टीका लगवा सकते हैंl