पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अब किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है। इस्लामाबाद सेशन कोर्ट ने मंगलवार इमरान को सरकारी खजाने (तोशाखाना) के करोड़ों रुपए के गिफ्ट बेहद सस्ते दामों में बेचने का आरोपी मान लिया। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिए गए हैं।
सरकार और पुलिस इस मामले में कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही थीं ताकि खान को गिरफ्तार किया जा सके। इस मामले में इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी भी आरोपी हैं। बुशरा के बारे में अभी कोई फैसला नहीं आया है।
खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने अपने नेता को गिरफ्तारी से बचाने के लिए समर्थकों से इमरान के घर के बाहर जुटने को कहा है ताकि पुलिस पर दबाव बनाया जा सके।
जिन तोहफों को इमरान ने बेचा था उनमें एक बेशकीमती घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स वॉच शामिल थीं।
पैंतरे आजमा कर बच रहे थे इमरान
इमरान पर कई महीने पहले कथित हमला हुआ था और तब से वो पैर में प्लास्टर लगाकर अदालतों से तरह-तरह की राहत हासिल कर रहे थे। मंगलवार को कोर्ट ने दो बार सुनवाई टाली, लेकिन फिर जज जफर इकबाल ने गैर जमानती वारंट करने का आदेश दिया। हालांकि, दो दूसरे मामलों में खान को राहत मिल गई। इनमें से एक गैरकानूनी पार्टी फंडिंग और दूसरा टेरेरिज्म से जुड़ा है।
तोशाखाना केस में भी इमरान के वकील ने सुनवाई टालने की मांग की थी। इस पर जज ने कहा- अगर वो दूसरी अदालतों के सामने पेश हो सकते हैं, तो यहां आने में क्या दिक्कत है। इमरान जब प्रधानमंत्री थे तब विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी। इमरान पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया।
चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था, बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।
करीब दो साल पहले अबरार खालिद नाम के एक पाकिस्तानी शख्स ने इन्फॉर्मेशन कमीशन में एक अर्जी दायर की थी। कहा- इमरान को दूसरे देशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी दी जाए। जवाब मिला- गिफ्ट्स की जानकारी नहीं दी जा सकती। खालिद भी जिद्दी निकले। उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान से पूछा था- आप तोहफों की जानकारी क्यों नहीं देते? इस पर खान के वकील का जवाब था- इससे मुल्क की सलामती यानी सुरक्षा को खतरा है। दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अवाम को दूसरे देशों से मिले तोहफों की जानकारी नहीं दे सकते
पाकिस्तानी पत्रकार आरिफ अजाकिया और इमदाद अली शूमरो के मुताबिक- इमरान को सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने गोल्ड से बनी और हीरों से जड़ी बेशकीमती रिस्ट वॉच गिफ्ट की थी। उन्होंने दो लिमिटेड एडिशन घड़ियां बनवाईं थीं। एक खुद के पास रखी थी। दूसरी इमरान को गिफ्ट की थी। इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए थी।
इमरान ने घर आकर यह रिस्ट वॉच पिंकी पीरनी (तीसरी पत्नी बुशरा बीबी) को रखने के लिए दे दी। बुशरा ने यह घड़ी उस वक्त के एक मंत्री जुल्फी बुखारी को देकर कीमत पता करने को कहा। मंत्री ने बताया कि यह तो बेहद महंगी है।
बुशरा ने उसे बेचने को कहा। ब्रांडेड घड़ी देखकर शोरूम के मालिक ने इसकी मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी को फोन कर दिया और यहीं से इमरान की कलई खुल गई। मेकर्स ने सीधे MBS के ऑफिस से संपर्क किया और बता दिया कि आपने जो 2 घड़ियां बनवाईं थीं, उनमें से एक बिकने के लिए आई है। ये आपने भेजी है या चोरी हुई है?
कुछ महीने पहले इमरान की पत्नी बुशरा और दोस्त जुल्फी बुखारी का ऑडियो लीक हुआ। इसमें साफ हो गया कि इमरान के कहने पर ही बुशरा ने जुल्फी बुखारी से संपर्क किया था और उन्हें घड़ियां बिकवाने को कहा था। जुल्फी इमरान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उनके बड़े राजदार माने जाते हैं।
तस्वीर इमरान की पत्नी बुशरा बीबी की है। बुशरा पर आरोप है कि दोस्त फराह गोगी के जरिए ट्रांसफर-पोस्टिंग और ठेकों की दलाली कराई और इससे करोड़ों रुपए कमाए
जब इमरान पर सरकारी खजाने (तोशाखाना) के गिफ्ट्स बेचने के आरोप लगे तो उनकी पार्टी ने बचाव में फर्जी सबूत पेश किए। कहा- तमाम गिफ्ट्स नियमों के मुताबिक, तोशाखाना से खरीदे गए थे। एक घड़ी इस्लामाबाद के एक शोरूम में बेची गई थी। इसके बिल भी मौजूद हैं।
खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने जो बिल मीडिया को दिखाया। वो दरअसल, हाथ से लिखा एक कागज था। मजे की बात यह है कि जिस दुकान का यह बिल था, उसके मालिक ने वीडियो जारी करके साफ कर दिया कि यह फर्जी बिल है। अशफाक नाम के शोरूम मालिक ने कहा था- हम प्रॉपर बिल देते हैं। जो बिल दिखाया जा रहा है, वो जाली है। न तो वो हैंडराइटिंग मेरी है और न सिग्नेचर। मैं PTI पर केस दायर कर रहा हूं।
खान एक और जगह फंस गए। दरअसल, उन्होंने दावा किया कि घड़ी इस्लामाबाद में बेची गई थी। लेकिन, दुबई के एक अमीर कारोबारी ने वीडियो जारी करके उनके झूठ की कलई खोल दी। पाकिस्तानी मूल के इस बिजनेसमैन ने कहा- इमरान की पत्नी बुशरा की दोस्त फराह गोगी ने मुझे सऊदी क्राउन प्रिंस की घड़ी और एक गिफ्ट सेट 2 लाख डॉलर में बेचा। मैंने इसका कैश पेमेंट किया। इसके सबूत मेरे पास मौजूद हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सऊदी सरकार ने इस बिजनेसमैन से यह घड़ी और गिफ्ट आयटम्स वापस खरीद लिए हैं। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
तोहफे की अनुमानित कीमत अगर 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है। इमरान ने यहां भी खेल कर दिया। 2 करोड़ का तोहफा कहीं 5 लाख तो कहीं 7 लाख का बता दिया। इसी कीमत पर इन्हें खरीदा और फिर ओरिजनल कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेच दिया। यह काम जुल्फी बुखारी और बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ फराह गोगी ने किया था।
एक और खास बात यह है कि फराह गोगी उसी दिन (10 अप्रैल 2022) पाकिस्तान से एक प्राईवेट जेट से फरार होकर दुबई पहुंच गईं थीं, जिस दिन इमरान खान की सरकार गिरी थी।