फिल्म एक्ट्रेस दिव्या भारती की आज 49वीं बर्थ एनिवर्सरी है। दिव्या 19 साल की उम्र में 21 फिल्में कर बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेस में गिनी जाने लगी थीं लेकिन एक हादसे में 1993 में उनकी मौत हो गई।
किस्सा शुरू करते हैं दिव्या भारती की जिंदगी के अंतिम दिन से। 5 अप्रैल 1993 को दिव्या हैदराबाद से मुंबई दोपहर बाद लोटी थीं और उसी दिन उन्होंने फ्लैट की डील को फाइनल किया था। इस डील से वो बेहद खुश थीं क्योंकि उस समय वो वर्सोवा के तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें फ्लोर पर किराए के फ्लैट में रहती थीं जिसे उनके पति साजिद नाडियाडवाला ने उन्हें दिलाया था।
घर की डील होने जाने की वजह से वो बेहद खुश थी इसलिए उन्होंने अगले दिन शूटिंग को टाल दिया। तभी शाम को अचानक उनके पास फैशन डिजाइनर नीता लुल्ला का काॅल आया कि वो फिल्म आंदोलन के ड्रेस को फाइनल करने के लिए उनसे मिलना चाहती हैं। दिव्या और नीता बहुत अच्छी दोस्त थी और उन्होंने कई सारी फिल्मों में दिव्या की ड्रेस को डिजाइन किया था।
शाम को नीता अपने पति साजिद के साथ दिव्या के घर आईं। इसके बाद दिव्या, नीता और उनके पति साजिद ने ड्राइंग रूम में बैठकर ड्रेस को फाइनल करने लगे। वहीं किचन में नौकरानी अमृता जो दिव्या को बचपन से ही जानती थी, वो मेहमानों के लिए खाने का इंतजाम कर रही थी।
इधर ड्राइंग रूम में बैठे तीनों शराब पी रहे थे और देखते ही देखते रात के 11 बज गए। तभी दिव्या उठकर किचन में गईं और वहां पर 12 इंच की खिड़की पर बैठने की कोशिश करने लगी। तभी अचानक वो पांचवें मंजिल से गिर गईं। वो जैसे गिरी उनकी नौकरानी तेज-तेज चिल्लाने लगी, तभी ड्राइंग रूम में बैठे नीता और साजिद भी भागकर नीचे गए। इसके बाद दिव्या को पास के कूपर हॉस्पिटल ले जाया गया। अस्पताल ले जाने वक्त वो जिंदा थी लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गौर करने वाली बात ये भी कि उस खिड़की पर ग्रिल नहीं लगा था। उस खिड़की के नीचे पार्किंग लाॅन था, जहां पर रोज गाड़िया खड़ी रहती थी लेकिन उस दिन एक भी गाड़ी नहीं खड़ी थी।
दिव्या की मौत की खबर पूरी फिल्म इंडस्ट्री में फैल गई। जहां कुछ लोग इसे सुसाइड बताने लगे, वहीं कुछ लोगों ने इसे मर्डर बताया। निधन के पास इस मामले की पूरी जांच वर्सोवा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये दावा किया गया कि दिव्या की मौत महज एक एक्सीडेंट थी। उन्होंने बहुत ज्यादा शराब पी ली थी जिस वजह से वो खुद को संभाल नहीं पाई और खिड़की से गिर गईं। 7 अप्रैल 1993 में दिव्या का अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले में हुआ था।
कई लोगों ने ये दावा किया था कि दिव्या लंबे समय से डिप्रेशन में थीं। वजह ये थी कि उनके पति साजिद का नाम अंडरवर्ल्ड से जोड़ा जा रहा था, जिस वजह से वो बहुत परेशान रहती थीं। वहीं शादी के बाद सास के साथ उनके रिश्ते भी खास अच्छे नहीं थे और इस बात से उन्हें बहुत दुख होता था।
ये भी कहा रहा था कि अगर उन्हें सुसाइड करना होता था वो उसी दिन क्यों अपने लिए घर का डील फाइनल करती। उनके भाई और नौकरानी ने बताया था कि वो मौत के दिन सुबह से बहुत ही ज्यादा खुश थीं।
फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोगों का ये भी कहना था कि दिव्या का मर्डर हुआ है। जब इस एंगल से केस की जांच की गई तब पता चला कि जिस खिड़की से गिर कर उनकी मौत हुई थी, उस खिड़की में ऑटो- स्टापर नहीं लगे थे। बाकी उस बिल्डिंग के सभी खिड़कियों में ऑटो-स्टापर लगे थे।
पुलिस इसके बाद 5 साल तक जांच करती रही। फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों से पूछताछ की गई। दिव्या के पति साजिद नाडियाडवाला सबसे ज्यादा शक के घेरे में रहे। फिर 1998 में इस बात पर आधिकारिक पुष्टि की गई कि दिव्या की मौत सिर्फ एक हादसा थी। शक के घेरे में रहे सभी लोगों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी।
दिव्या की मौत के बाद उनकी मां ने भी मौत के बाद खुलासा किया था कि दिव्या गुस्से में खुद को चोट पहुंचाती थीं। मौत से पहले भी उन्होंने सिगरेट से खुद को जलाया था। मौत के कुछ महीने पहले,वो अमेरिका गई थी। वहां किसी बात से परेशान होकर उसने खुद को सिगरेट के टुकड़ों से जलाया था। वो निशान उनकी मौत के वक्त भी थे।
साथ ही फिल्म राधा का संगम के दौरान किसी बात से परेशान होकर उन्होंने अपनी कलाई काट ली थी। गुस्से में वो खुद को नुकसान पहुंचाती थी।
गौर करने वाली बात ये भी है कि जब दिव्या खिड़की से गिरी थीं, तो उस समय बस उनकी नौकरानी ने उन्हें देखा था। वहीं उनके निधन के एक महीने बाद ही नौकरानी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
दिव्या की मां मीता ने बताया था- ‘दिव्या अक्सर मेरे सपनों में आती थी। जिस दिन मुझे जल्दी जागना होता था दिव्या सपने में आकर मुझे जगा देती थी। उन्होंने बताया कि साजिद की दूसरी पत्नी वर्धा ने भी कई बार दिव्या के सपने में आने की बात बताई। उनकी शादी के छह साल बाद दिव्या ने सपने में आना बंद कर दिया।’
वर्धा ने एक बार बताया था कि उनकी और साजिद की मुलाकात दिव्या ने ही करवाई थी। साथ ही आज भी साजिद के वाॅलेट में दिव्या की तस्वीर मौजूद है।
फिल्म लाडला में पहले दिव्या लीड रोल में थी, लेकिन जब उनकी मौत हो गई थी तो श्रीदेवी को फिल्म में कास्ट किया गया। लेकिन शूटिंग के दौरान हुई एक घटना से सेट पर मौजूद लोग डर गए थे। दरअसल श्रीदेवी उसी जगह शूटिंग कर रहीं थीं जहां दिव्या किया करती थीं।
एक सीन के दौरान श्रीदेवी उसी लाइन पर बार बार अटक जाती थीं जिस पर दिव्या भी अटक जाया करती थीं। इस सीन में शक्ति कपूर और रवीना टंडन भी थे। श्रीदेवी को उस समय लाइन भूलता देख सभी घबरा गए थे।
इसके बाद वहां पर गायत्री मंत्र का पाठ हुआ। फिर श्रीदेवा ने बिना रुके शूटिंग पूरी और फिल्म रिलीज हुई। फिल्म लाडला बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई थी।.
दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 को मुंबई में ओम प्रकाश भारती और मीता भारती के घर हुआ था। बचपन से ही चुलबुली स्वभाव वाली दिव्या एक गुड़िया की तरह दिखती थीं।
एक बार उनकी मां ने कार के बोनट पर बैठा दिया और कार में सामान रखने लगीं। तभी बगल से गुजरे एक आदमी ने पूछा कि उन्होंने बोनट पर बैठी गुड़िया कहां से ली। तब उनकी मां ने हंसते हुए जवाब दिया कि वो गुड़िया नहीं बल्कि उनकी बेटी दिव्या है।
1988 में जब दिव्या 14 साल की थीं तो उन्हें फिल्ममेकर नंदू तोलानी ने फिल्म गुनाहों के देवता ऑफर की थी। इस फिल्म से वो फिल्मों में एंट्री लेने वाली थी, लेकिन बाद में उनकी जगह फिल्म में संगीता बिजलानी को कास्ट कर लिया था। इससे पहले भी उन्हें एक और फिल्म का ऑफर आया था लेकिन उनके पिता ने मना कर दिया था।
इसके बाद एक दिन वीडियो लाइब्रेरी में गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार की नजर दिव्या पर पड़ी। उन्हें देखते ही कीर्ति कुमार ने फिल्म राधा का संगम में गोविंदा के साथ कास्ट करने का मन बना लिया। इसके लिए दिव्या ने महीनों तक डांस और एक्टिंग क्लासेस भी लीं लेकिन आखिरी समय में उनकी जगह जूही चावला का साइन कर लिया।
1990 में दिव्या ने डी. रामानायडू की तेलुगु फिल्म बोबली राजा से एक्टिंग डेब्यू किया। ये एक हिट फिल्म थी और आज भी तेलुगु की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है। इसके बाद दिव्या की कई बेहतरीन फिल्मों में नजर आईं।