फर्रुखाबाद, 15 फरवरी 2023 राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सीएचसी कमालगंज में बुधवार को उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आर सी माथुर ने फीता काटकर बाल मानसिक स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया l शिविर में आये बच्चों को परीक्षा नजदीक आने पर तनाव न लेने की सलाह दी गई | साथ ही मानसिक रोग, उसके लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी गयी।अन्य रोगियों को भी उचित दवा और परामर्श दिया गया l
इस दौरान डॉ माथुर ने कहा कि बच्चों का मन मस्तिष्क बहुत मासूम होता है। वह जो देखते हैं, समझते हैं, वही सीखते हैं। उनकी सीखने की प्रवृत्ति बहुत तेज होती है। ऐसे में बाल मन पर पड़ने वाला प्रभाव उनके व्यवहार पर भी असर डालता है।
साथ ही कहा कि इस समय परीक्षा का समय चल रहा है बच्चों और किशोरों में घर परिवार , समाज और स्कूल का भी दवाब होता है की अच्छे नंबर से पास हों यह दवाब ही बच्चे को तनाव ग्रस्त बना देता है और बच्चा डिप्रेशन में चला जाता है l इसलिए बच्चों पर अधिक दवाब न डालते हुए उसके साथी बनें l
साथ ही कहा कि कई बार स्कूल, पढ़ाई और परीक्षा आपके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। इसलिए, उन्हें ब्रेक देना जरूरी है। उस दौरान उन्हें अपनी रुचि और गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करें जिन्हें करने में उन्हें आनंद आता है। अपने बच्चे की प्रतिभा और क्षमताओं पर प्रकाश डालें।
सीएचसी कमालगंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ शोभित शाक्य ने कहा कि आज के समय में सोशल मीडिया का आपके बच्चे के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में कम उम्र से ही अपने बच्चों को इसके फायदे और नुकसान के बारे में बातचीत करें।
साथ ही कहा कि बच्चों की मनोभावना को समझें और यह जानने की कोशिश करें कि आखिर आपका बच्चा आपसे क्या चाहता है l
डॉ शोभित ने कहा कि आज लगे शिविर में 168 लोगों का परीक्षण हुआ l
मनोवैज्ञानिक सामाजिक कार्यकर्ता दीप्ति ने बताया कि मानसिक रोग भी शारीरिक रोगों की तरह होते हैं इनका उपचार संभव है। घर में बच्चे अथवा किसी सदस्य के व्यवहार में परिवर्तन नजर आये तो सतर्क हो जाना चाहिए। किसी भी सूरत में झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। रोगी को मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए। नियमित व्यायाम, योग, अपने विश्वास वाले लोगों से बात साझा करने से काफी हद तक मानसिक तनाव दूर हो जाता है।
कमालगंज निवासी 16 वर्षीय अतुल ने बताया कि इस समय मेरी परीक्षा शुरु होने वाली है जिसकी वजह से मुझे रात में नींद नहीं आती है साथ ही दिन भर सोचता रहता हूं की मैं पास हो पाऊंगा की नहीं l आज लगे शिविर के बारे में मुझे आशा दीदी से पता चला यहां मुझे परामर्श दिया गया कि पढ़ने के साथ ही अन्य कामों पर भी ध्यान दो साथ ही परीक्षा को भी अन्य कार्यों की तरह ही देखो इसका तनावनहीं लेना है l
इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों सहित अन्य लोग मौजूद रहे l