यूपी के आयुष कॉलेजों में बिना नीट परीक्षा के फर्जी दस्तावेजों से 982 छात्रों को प्रवेश मामले में एसटीएफ ने पूर्व आयुर्वेद डायरेक्टर एसएन सिंह समेत 15 आरोपों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी है। चार्जशीट को विशेष न्यायाधीश सोमप्रभा मिश्र ने प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज किया है। यह सभी आरोपी आजकल जेल में हैं।
एसटीएफ के मुताबिक एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि अधिकारियों ने निजी वेंडरों और कॉलेज प्रबंधन के साथ नियम विरुद्ध तरीके से दाखिले करने की साजिश रची थी।
इसके चलते एसटीएफ ने हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर इससे जुड़े लोगों की गिरफ्तारी की थी। इसी क्रम में तीन माह में विवेचना पूरी करते हुए 15 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
एसटीएफ ने इस मामले में पूर्व आयुर्वेद निदेशक सत्यनारायण सिंह, निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा आयुर्वेद निदेशालय डॉ. उमाकांत, वरिष्ठ सहायक आयुर्वेद निदेशालय राजेश सिंह और कनिष्ठ सहायक कैलाश चंद्र भाष्कर के खिलाफ भ्रष्टाचार, आईटी एक्ट, धोखाधड़ी, कूटरचना, साजिश करने समेत अन्य धाराओं में चार्जशीट लगाई है।
कुलदीप वर्मा, अपट्रोन पावर ट्रॉनिक्स के एजीएम प्रबोध सिंह, रिमार्क टेक्नोलॉजी के पार्टनर रूपेश रंजन पांडेय, पार्टनर इंद्रदेव मिश्र, टेक्नीशियन आईटी सॉल्यूशन निदेशक सौरभ मौर्य, निदेशक हर्षवर्धन तिवारी उर्फ सोनल, वीथ्री साफ्ट सॉल्यूशन निदेशक गौरव, अपट्रान पॉवर के तकनीकी सहायक रूपेश, विजय यादव, धर्मेंद्र यादव और आलोक त्रिवेदी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना साजिश और आईटी एक्ट में चार्टशीट दाखिल की।