BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन पर रेप का केस चलेगा। शाहनवाज ने 4 साल पुराने आरोप में FIR दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली शहनवाज की याचिका खारिज कर दी। साल 2018 में दिल्ली की एक महिला ने शहनवाज के खिलाफ साकेत कोर्ट में रेप केस दर्ज कराया था। आरोप है कि बेहोशी की हालत में उसका रेप हुआ।
अपने खिलाफ FIR दर्ज होने के साकेत कोर्ट के फैसले के खिलाफ शाहनवाज अगस्त 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले की ढंग से जांच होनी चाहिए, आप सही होंगे तो बच जाएंगे। इसमें दखल देने की वजह नजर नहीं आती।
उधर, कानून मंत्री किरण रिजिजू ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी। उन्होंने कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों शामिल करने की सलाह दी है। रिजिजू ने कहा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी। इसे नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन एक्ट यानी NJAC लाने की नई कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। अगस्त 2014 में संसद से पास हुए NJAC को अक्टूबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन की याचिका खारिज कर दी है। एक महिला ने शिकायत में लिखा था कि 12 अप्रैल 2018 को शाहनवाज हुसैन ने उसे छतरपुर के एक फार्म हाउस में बुलाया था। वहां धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप किया। महिला ने 21 जून 2018 को नई दिल्ली की साकेत कोर्ट में शाहनवाज हुसैन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
CrPC के सेक्शन 156(3) के तहत कोर्ट से पुलिस को शाहनवाज के खिलाफ FIR दर्ज करने का भी आदेश देने की अपील की गई। साकेत कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट यानी ATR मांगी। जुलाई 2018 को पुलिस ने कोर्ट में बताया कि शिकायत में लगाए गए आरोपों को सच नहीं पाया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज करने के बाद अब शाहनवाज पर रेप केस दर्ज होगा।