प्रतिबंधित संगठन आजाद हिन्द फौज का है सरगना नितेश सिंह लखनऊ में गिरफ्तार

बिहार पुलिस के लिये सिरदर्द बन चुके कुख्यात बदमाश नितेश सिंह उर्फ महाराज को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। महाराज पर पचास हजार रुपए का इनाम था। यूपी STF और बिहार पुलिस ने विभूतिखंड स्थित अवध बस स्टैंड से नितेश को पकड़ा है। उसके खिलाफ बिहार में हत्या, लूट, डकैती और अपहरण के 17 मुकदमे दर्ज हैं। दोनों प्रदेश की पुलिस को काफी समय से नितेश की तलाश थी।
एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया, पकड़ा गया बदमाश नितेश सिंह बिहार के तरियानी छपरा का रहने वाला है। उत्तर बिहार के शिवहर, सीतामढ़ी, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिलों में उसने कई वारदातों को अंजाम दिया था। वह आजाद हिन्द फौज के नाम से एक संगठन चलाता है। ये बिहार का एक प्रतिबंधित संगठन है। 2019 में हुई एक हत्या मामले में बिहार पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
यूपी एसटीएफ के डीप्टी एसपी विमल कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक शिवहर, बिहार ने नितेश सिंह की गिरफ्तारी के लिए सहयोग मांगा था। जिसके बाद यूपी एसटीएफ की टीम ने नितेश को सोमवार को गोमतीनगर में अवध बस स्टैण्ड के पास से गिरफ्तार कर लिया।
इस दौरान थाना तरियानी छपरा, जनपद शिवहर, बिहार के विवेचक भी मौजूद थे। उसकी 2019 में स्थानीय राजेश राय की हत्या के मुकदमे में तलाश चल रही थी। नितेश सिंह ने माओवादियों से बदला लेने के लिए अपना संगठन तैयार किया था। कई घटनाओं को अंजाम देकर फरार चल रहा था।
नितेश ने पूछताछ में बताया कि उसके इलाके में माओवादियों का आतंक था। माओवादी ने उसके साले और चाचा व चचेरे भाई की हत्या की थी। जिनसे बदला लेने के लिए स्थानीय स्तर पर आजाद हिन्द फौज नामक संगठन को तैयार किया। जिसका कमांडर बनकर माओवादियों का विरोध किया।
इस दौरान प्रमुख माओवादियों कैलाश राम, रामचन्द्र साहनी, शिवजी राम, सुनील गुप्ता आदि माओवादी नेताओं की हत्या की थी। मोतीहारी जनपद के पकड़ी दयाल में हुए सामूहिक हत्याकांड में भी शामिल रहा।