जौनपुर:
ओबीसी समाज के साथ अन्याय कर रही भाजपा सरकार:अरविन्द पटेल
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जौनपुर-जिला मुख्यालय पर सरदार सेना सामाजिक संगठन के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन सौपने के दौरान जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार पटेल ने कहा कि आप सभी जानते है कि भाजपा की योगी और मोदी सरकार ने ओबीसी को अपने पैर की जूती समझ लिया है इस लिए अब सरदार सेना सामाजिक संगठन आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है और पूरे ओबीसी समाज से यह अपिल करते हुए कहां कि अब हमें और आपको मिलकर लड़ना होगा।जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायतों एवं निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण पर एक गाइडलाइन जारी किया गया है और उन्होंने प्रदेश सरकारों को निर्देशित करते हुए कहा था कि ओबीसी की प्रकृति की जांच की जाए इसके पूर्व में महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,बिहार में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मा. उच्च न्यायालय ने उपरोक्त राज्य में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाया था तो इन तमाम घटनाओं के बाद क्या योगी सरकार को निकाय चुनाव से पहले माननीय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ओबीसी की जातिगत जनगणना अथवा प्रकृति की जांच नहीं कर लेना चाहिए था जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा कि मेरा तो यह मानना है कि ओबीसी के खिलाफ भाजपा सरकार की यह साजिश है पहले से सब कुछ पता था तो फिर जांच का कदम पहले क्यों नहीं उठाया गया ओबीसी समाज को बरगलाने और भ्रम में रखने का भाजपा सरकार की कुप्रयास है अथवा ओबीसी समाज को ठेंगा दिखाया जा रहा है सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर ओबीसी समाज की अधिकारों की लड़ाई हेतु अब हमें शांति प्रिय तरीके से न्यायोचित संघर्ष द्वारा आर-पार लड़ना होगा। सरदार सेना का प्रदेशव्यापी ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति नामित निम्न तीन सूत्रीय मांगों पर तत्काल न्यायोचित कदम उठाया जाय।
- उ.प्र. सरकार को तत्काल निर्देशित किया जाय कि सरकार ओबीसी समाज के न्याय हेतु मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित गाइडलाईन का पालन करके ओबीसी को सभी विधाओं में उसके आबादी के बराबर अधिकार सुनिश्चित किया जाय।
इस दौरान अवधेश कुमार मौर्य एडवोकेट,विपिन पटेल मुलायम,रवि पटेल,अभिमन्यु पटेल,अमर बहादुर चौहान,रविशंकर यदुवंशी,बृजेश पटेल,विनोद यादव,दीपक विश्वकर्मा,शिव प्रकाश पटेल,मनोज पटेल,सुरेश कुमार,राजकुमार सिंह सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे। - उ.प्र. सरकार को निर्देशित किया जाय कि तत्काल जातीय जनगणना कराकर ओबीसी को उसके आबादी के बराबर नगर निकाय में आरक्षण निर्धारित किया जाय।
- जब तक ओबीसी का आरक्षण लागू न हो पाये तब तक नगर निकाय चुनाव को रोका जाय।