बिहार के सारण में जहरीली शराब से हुई मौत में पुलिस-प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जहरीली शराब को बनाने में थाने में जब्त स्पिरिट के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक स्तर पर जांच में यह बातें सामने आई हैं। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इस दिशा में जांच भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, मशरक थाने के मालखाने में रखी गई जब्त स्पिरिट के कंटेनर से ढक्कन गायब मिले हैं। कई कंटेनर से जब्त स्पिरिट भी गायब है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि जब्त स्पिरिट को शराब धंधेबाजों को बेचा गया है। इसमें चौकीदार की मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है। हालांकि पुलिस या उत्पाद अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और जांच जारी रहने की बात कह रहे हैं। छपरा के उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने बताया कि मशरक थाना परिसर से स्पिरिट गायब होने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है, लेकिन सभी थाने में जब्त कर रखी गई शराब और स्पिरिट की जांच की जा रही है। उसका सैंपल लिया जा रहा है।
शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद जब्त शराब या स्पिरिट को तुरंत नष्ट करने का आदेश दिया गया है, लेकिन पुराने मामलों में जब्त क गई शराब या स्पिरिट अब भी साक्ष्य के रूप में रखे हुए हैं। जिस थाना क्षेत्र से अवैध शराब या स्पिरिट की खेप पकड़ी जाती थी, वहां के मालखाने में प्रदर्श के रूप में इसे रखा गया है। आशंका जताई जा रही है कि इसी जब्त स्पिरिट का शराब माफिया जहरीली शराब बनाने में इस्तेमाल कर रहे हैं।