पीलीभीत : सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक श्रीराम लीला मेले का रावण वध के साथ समापन किया गया

पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के कस्बा घुंघचाई में चल रहे सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक श्रीराम लीला मेले का रावण वध के साथ समापन हो गया।अंतिम दिन मेला देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ जुटी।रावण की अस्थियां लेने को लेकर मारामारी मची रही।इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा।
कोतवाली क्षेत्र के घुंघचाई में हर साल की तरह इस बार भी सुप्रसिद्ध श्री रामलीला मेले का आयोजन किया गया।गुरुबार को बिहार के नाटक कलाकारों के द्वारा रावण वध की लीला का सजीव मंचन किया गया।कलाकारों ने दिखाया कि राबण ने युद्ध के लिए कुंभकरण को भेजा।दोनो में घमासान युद्ध हुआ। राम के बांण से कुंभकरण धराशाई हो गया।भाई की मौत से रावण अक्रोशित होकर मेघनाथ को मैदान में भेजता है।मेघनाथ लंका में सबसे शक्तिशाली योद्धा था।लक्ष्मण और मेघनाथ में घनघोर युद्ध हुआ।लक्ष्मण के बाण से मेघनाथ का वध हो गया।उसके बाद रावण स्वयं रणभूमि में पहुंचा और राम को ललकारा। काफी देर तक राम और रावण में भयंकर युद्ध होता रहा। राम रावण के बार-बार शीश काट देते थे।लेकिन पुनःरावण के शीश जुडते रहे।यह देखकर श्रीराम अचंभित हो गए।इस पर विभीषण राम के पास पहुंचे और उन्होंने रावण की नाभि में तीर मारने की सलाह दी।राम ने रावण की नाभि में तीर मारा। जिससे दशानन जय श्री राम कहकर भूमि पर गिर कर धराशाही हो गया। रावण का वध करने के बाद विभीषण को लंका का राजा बनाया।रावण वध के साथ रामलीला मेले का समापन हो गया।रावण की अस्थियां पाने के लिए लोगों में मारामारी मची रही।रामलीला के अंतिम दिन आस पड़ोस के अलावा दूर दराज के गांवो से बड़ी संख्या में दर्शक मेले में पहुंचे और आनंद उठाया। पुलिस भी प्रशासन मौजूद रहा। इस मौके पर मेला प्रवंधक व भाजपा नेता वीरेंद्र प्रताप सिंह ध्रुव,अनुज प्रताप सिंह,राहुल सिंह,मोहन स्वरूप पासवान,सुनील पासवान,सुनील त्रिवेदी,मुन्ना सिंह,हरि सिंह,जगन्नाथ पासवान,अवधेश त्रिवेदी सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।