पूरनपुर। कवि व पत्रकार सतीश मिश्र “अचूक” की सातवीं पुस्तक “आरती व चालीसा संग्रह” का विमोचन आज पूरनपुर में आयोजित विशाल पूज्य संत सम्मेलन में नैमिष धाम के महंत संतोषानंद जी खाकी महाराज ने विधायक बाबूराम पासवान व अन्य संतों की मौजूदगी में किया। इस मौके पर कई कवि व साहित्यकार भी मौजूद रहे। सभी ने रचनाकार के प्रयास की सराहना की। मौजूद सभी संतों व अतिथियों को पुस्तक निशुल्क वितरित की गई।
कवि व पत्रकार सतीश मिश्र “अचूक” की अब तक 6 पुस्तकें आ चुकी हैं। आज उनकी सातवीं पुस्तक “आरती व चालीसा संग्रह” का विमोचन पूरनपुर के रामलीला मैदान में आयोजित विशाल पूज्य संत सम्मेलन में हुआ। यहां पहुंचे नैमिष धाम के महंत संतोषानंद जी खाकी महाराज ने पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान व संतो की मौजूदगी में किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कवि व साहित्यकारों के कारण ही सनातन धर्म को ऊर्जा मिल रही है। उन्होंने रचनाकार के धार्मिक लेखन की सराहना की। इस अवसर पर सभी साधु-संतों व मौजूद अतिथियों को पुस्तक निशुल्क वितरित की गई। कार्यक्रम में बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद जी महाराज, आयोजक संत बाबा राघव दास जी महाराज, देवनागरी उत्थान परिषद के अध्यक्ष पंडित राम अवतार शर्मा, अंशुमाली दीक्षित, महेश मिश्रा, पंडित अनिल शास्त्री, पंडित चंद्र भूषण मिश्रा, सर्वेश स्वर्णकार, सरोज बाजपेई, लक्ष्मण प्रसाद वर्मा, शैलेंद्र गुप्ता, संदीप खंडेलवाल, हर्ष गुप्ता, राजाराम शर्मा, डॉक्टर तेज बहादुर सिंह तेजू, दुष्यंत शुक्ला, सुंदरलाल नेताजी, महेंद्र मिश्रा, सोनू पांडेय, अचलेंद्र मिश्रा, हर्ष प्रधान, सुभाष मिश्रा, शिवम भदौरिया, विपिन मिश्रा, रविन्द्र कुमार नंद, अंशु गुप्ता, रवि यादव के अलावा काफी संख्या में साधु-संत व स्थानीय लोग मौजूद रहे।
क्या क्या पढ़ने को मिलेगा इस पुस्तक में
पुस्तक के रचनाकार सतीश मिश्र “अचूक” ने बताया कि इस पुस्तक का शुभारम्भ माता सरस्वती जी की वंदना से हुआ है। गणपति जी की वंदना के बाद आदि गंगा मां गोमती जी की आरती, गोमती उद्गम चालीसा, माँ गूँगा देवी जी की आरती, बाबा इकोत्तर नाथ जी की स्तुति, माँ की आरती, मां का चालीसा, माता पीतांबरा देवी जी की स्तुति एवं पीलीभीत के सभी देवस्थलों का चालीसा इस पुस्तक में पढ़ने को मिलेगा। इसके अलावा पीलीभीत व आसपास के प्रमुख मंदिर व पीलीभीत के प्रमुख पर्यटन स्थल भी इस पुस्तक में आपको नजर आएंगे। गोमती उद्गम स्थल से सजे कवर पेज के अलावा गोमती उद्गम ट्रस्ट में दान करने के लिए बारकोड भी इस पुस्तक में प्रकाशित किया गया है। इस कोड को स्कैन करके कोई भी श्रद्धालु गोमती उद्गम ट्रस्ट में स्वेच्छा से घर बैठे दान कर सकता है।