फर्रुखाबाद, 31 अक्टूबर 2022 अगस्त से नवंबर तक का यह समय देश में कई प्रकार की मौसमी बीमारियों के खतरे वाला होता है, विशेषकर इस मौसम में मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम कई गुना तक अधिक हो सकता है। मानसून के इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई घातक बीमारियां तेजी से बढ़ जाती हैं, हर साल इसके कारण हजारों लोगों की जान जाती है। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राजेश माथुर ने शमसाबाद ब्लॉक के गांव मुबारकपुर में संचारी अभियान के निरीक्षण के दौरान कहीं l
डीएमओ ने बताया कि डेंगू बुखार एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें इसके गंभीर रूप लेने का भी खतरा हो सकता है, ऐसे लोगों में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं। अगर इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो स्थिति जानलेवा तक हो सकती है।
डीएमओ ने बताया कि डेंगू या फिर मच्छरों के काटने से होने वाली अन्य किसी भी तरह की बीमारी से बचे रहने के लिए सबसे आवश्यक है कि मच्छरों को पनपने ही न दिया जाए। डेंगू के मच्छर साफ और स्थिर पाने में पनपते हैं, ऐसे में यदि घर पर या आसपास कहीं भी पानी जमा हो रहा है तो उसपर ध्यान दें। डेंगू के मच्छर ज्यादातर दिन के समय में काटते हैं ऐसे में इनके काटने से बचने के लिए क्रीम या फिर अन्य मच्छरों को भगाने वाले उपाय जरूर किए जाने चाहिए।
डीएमओ ने बताया कि मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बाजू वाले कपड़े पहनना जरूरी है। इस तरह के सुरक्षात्मक उपायों को विशेष रूप से डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में किया जाना बहुत आवश्यक हो जाता है। रात में सोने के लिए मच्छरदानी को प्रयोग में लाना चाहिए।
डीएमओ ने बताया कि डेंगू के खतरे को कम करने के लिए मच्छर भगाने वाली दवाओं, स्प्रे या रैकेट को भी प्रयोग में ला सकते हैं। यदि आपके घर के पास अस्वच्छता है तो इन बातों का ध्यान रखना और भी आवश्यक हो जाता है। बच्चों को स्कूल भेजते समय मॉस्किटो पैच, बैंड या त्वचा पर क्रीम लगाकर भेजें जिससे उन्हें मच्छरों के काटने से बचाया जा सके।
डीएमओ ने बताया कि यदि आपको डेंगू हो जाता है तो समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर डॉक्टर से मिलें, ऐसा करके आप रोग की गंभीरता से बचाव कर सकते हैं। यदि आपको लगातार 2-3 दिनों से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आंखों के पीछे दर्द, मतली और उल्टी, सरदर्द, कमजोरी या फिर शौच के साथ खून आने जैसी समस्या हो रही हो तो इस बारे में तुरंत सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाएं l
डीएमओ ने बताया कि डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में 30 बेड और सभी सीएचसी पर 5 बेड डेंगू के मरीज़ के लिए आरक्षित हैं l
डीएमओ ने बताया 1 अक्टूबर से संचारी अभियान शुरू हुआ जो 31 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है l इस दौरान 692 लोग बुखार से ग्रसित मिले। इसमें 681 लोगों की स्लाइड बनाई गईं। इसमें 7 मलेरिया के मरीज मिले हैं l 946 खांसी और जुकाम के मरीज मिले हैं। इसमें से 869 लोगों की कोरोना की जांच की गई है। इसमें से कोई भी कोरोना से ग्रसित नहीं मिला हैl 135 संभावित टीबी रोगी मिले और 85 कुपोषित बच्चे मिले। इनमें से 11 बच्चे कम वजन के मिले हैं। इनको पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया हैl जिले में डेंगू का कोई भी मामला नहीं है l सभी सीएचसी, डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय और सिविल अस्पताल लिंजीगंज में डेंगू जांच की कि मौजूद हैl