फर्रुखाबाद:विश्व पोलियो दिवस सोमवार को बच्चे को अवश्य लगवाएं पोलियो टीका-डीआईओ

फर्रुखाबाद, 22 अक्टूबर 2022 पोलियो का टीका एक बच्चे को जीवन भर बचाता है। इसलिए पोलियो उन्मूलन की रणनीति हर बच्चे को तब तक प्रतिरक्षित करके संक्रमण रोकना है जब तक कि इसका संचरण न बंद हो जाए। यह कहना है जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा का।
डॉक्टर वर्मा ने पोलियो के संबंध में कई जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के मनाने के पीछे वजह है कि इस घातक बीमारी को पूरी तरह से समाप्त करना हैI हर व्यक्ति समझ सके कि छोटे बच्चों को पोलियो खुराक पिलाना कितना आवश्यक है l
उन्होंने बताया कि पोलियो एक घातक संक्रामक बीमारी है जो एक दूसरे से फैलती है l इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन सुरक्षित और प्रभावी टीका है। टीकाकरण से पोलियो से बचा जा सकता है। पोलियो का टीका, कई बार दिया जाता है l
उन्होंने बताया कि पोलियो एक आरएनए वायरस के कारण होता है, जहां 85% संक्रमण लकवाग्रस्त होते हैं। पोलियो वायरस सबसे अधिक उन क्षेत्रों में फैलता है जहां स्वच्छता की कमी होती है। दूषित भोजन और पानी से वायरस फैल सकता है। पोलियो वायरस से संक्रमित व्यक्ति अपने मल से संक्रमण फैला सकते हैं। साथ ही, पोलियो वायरस से संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से पोलियोमाइलाइटिस हो सकता है।
डीआईओ ने बताया कि पोलियो से बचाव के दो प्रकार का टीका है l
निष्क्रिय पोलियोवायरस टीका (आईपीवी) रोगी की उम्र के आधार पर पैर या बांह में इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है।

ओरल पोलियोवायरस वैक्सीन (ओपीवी) अभी भी दुनिया भर में प्रयोग किया जाता है।
पोलियो का टीका बच्चों के शरीर को पोलियो वायरस से लड़ने के लिए तैयार करके उनकी रक्षा करता है।
डीआईओ ने जिलेवासियों से अपील की है कि जब भी अभियान के दौरान पोलियो टीम आपके दरवाजे पर दस्तक दे तो अपने पांच साल से कम उम्र के बच्चे को पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं यह आपके बच्चे को पोलियो जैसी घातक बीमारी से रक्षा करेगी l
डीआईओ ने बताया कि अपना देश 2012 में ही पोलियो मुक्त हो चुका है लेकिन अभी भी अपने कुछ पड़ोसी देश ऐसे हैं जहां पर पोलियो विद्यमान है इसलिए हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है l

विश्व पोलियो दिवस का इतिहास

विश्व पोलियो दिवस मनाने की शुरुआत रोटरी इंटरनेशनल ने की है। इसकी शुरुआत पोलियो टीका की खोज करने वाली टीम के सदस्य जोनास साल्क के जन्मदिन पर की गई है। पोलियो वैक्सीन की खोज साल 1955 में की गई थी। वहीं, पोलियो संक्रमितों के सबसे अधिक मामले साल 1980 में देखे गए थे। जब एक लाख से अधिक बच्चे पोलियो से संक्रमित हो गए थे। उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर में पोलियो टीकाकरण की शुरुआत की। इसके अंतर्गत 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो टीका दिया गया। वर्तमान समय में पोलियो की दो बूंद बच्चों को पिलाई जाती है। अब तो बच्चों को पोलियो का टीका भी लगाया जाता है l भारत में पोलियो टीकाकरण की शुरुआत साल 1995 में हुई थी।