फर्रुखाबाद:- ओवरलोडिंग दे रही मौत को दावत , प्रशासन में मूँदी आंखे ।

फर्रुखाबाद :-

जहां एक तरफ सरकार ने आदेश पारित किया है कि ट्रैक्टरों से किसी भी प्रकार की सवारी नहीं ढोई जाएंगी । वहीं दूसरी तरफ सरकार इस बात पर ध्यान नहीं दे रही है कि जो ओवरलोडिंग की जा रही है । जिसमें क्षमता से अधिक भार को ढोया जा रहा है । इसके कारण जिले में कई प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं इससे पहले कई युवाओं और व्यक्तियों की ट्रैक्टर से दबकर मृत्यु हो चुकी है । जहां एक ट्रैक्टर में करीबन 400 बोरियां भाई जाती हैं । वह भी सीमेंट, खाद और राशन वितरण के लिए जो माल गोदाम फर्रुखाबाद से जाकर वेयरहाउस तक पहुंचाई जाती हैं । इसमें ओवरलोडिंग में सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर माल ढुलाई का काम करते है । रेल विभाग के कर्मचारी उन्हें रेलवे मालगोदाम प्लेटफॉर्म से निकलने का गेटपास देते है । ओवरलोडिंग माल भलाई का काम रेलवे के सरकारी कर्मचारियों की निगरानी में ही होता है। और इसके साथ माल ढुलाई करने वाले ठेकेदार आरटीओ से सेटिंग करके ओवर लोडिंग करते हैं । आरटीओ समेत कई जिला प्रशासन अधिकारी सड़कों से गुजरते जाते हैं । लेकिन उनका ओवरलोड ट्रैक्टरों ट्रकों कि और कोई भी ध्यान नहीं जाता है । फर्रुखाबाद स्टेशन पर आने बाली माल से सीमेंट , राशन , खाद आदि सामान ओवरलोडिंग करके वेअरहाउस तक लेजाया जाता है । जिसके तहत देखा गया है कि कई बार घटनाएं होते-होते बचे, कई बार ट्रैक्टर पलटी हैं और कई बार ट्रैक्टर का हिस्सा उठने के कारण लोग दब के मर जाते हैं । प्रशासन इस बात पर आंखें मूंदे हुए । जहां आरटीओ सहित जिला प्रशासन किसी भी प्रकार का संज्ञान नहीं लेते हैं । और प्रशासन ने खुली छूट दे रखी है । वह वर्ल्ड लोडिंग करने के लिए प्रशासन और आरटीओ परिवहन चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। और सरकार को राजस्व घाटा होता जा रहा । जहां सरकार और सरकार के नुमाइंदे एक गरीब की मोटरसाइकिल का चालान काटकर रुपए वसूलते हैं । वही इन ठेकेदारों से ओवरलोडिंग का चार्ज वसूलने की हिम्मत नहीं पड़ती है। क्योंकि उनकी सेटिंग जिला के उच्च अधिकारियों और प्रशासन , जिला के कई नेताओं से रहती है। जिसके चलते ओवरलोडिंग पर किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं होती है । जिले में ओवरलोडिंग के कारण सड़कों की हालत इतनी खस्ता है कि जहां दूरी में 5 मिनट लगे वहां 15 मिनट लगता है । सड़कों की इतनी दुर्दशा हो चुकी है कि उनकी मरम्मत करना भी अब सरकार जरूरी नहीं समझती है । लोगों के साथ हो रहे दुर्घटनाएं और सड़कों की खराब हो रही दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है । जिला प्रशासन या आरटीओ क्या उनको छूट देने वालों उनसे सेटिंग करके ओवरलोडिंग का काम करने वाले ड्राइवर और उनके ठेकेदार या फिर वह नेता जिनका इन ठेकेदारों के ऊपर हाथ होता है ।