फर्रुखाबाद, 17 सितम्बर 2022 हर वर्ष 17 सितम्बर को विश्व मरीज सुरक्षा दिवस मनाया जाता है | इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाना, रोगियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति जागरूकता तथा इसके लिए सहयोग को बढा़वा देना है।
जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर शनिवार को विश्व मरीज सुरक्षा दिवस का आयोजन किया गया। मरीज की सुरक्षा, उनके अधिकार और चिकित्सकों के कर्तव्यों को लेकर जिले भर के सरकारी चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने शपथ ली व मरीजों और उनके परिवार से उचित व्यवहार करने का वादा किया ।
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरूष में चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजकुमार की अध्यक्षता में विश्व मरीज सुरक्षा दिवस मनाया गया |
डॉ राजकुमार ने इस दौरान चिकित्सालय में मौजूद सभी पैरामेडिकल स्टाफ को मरीज की सुरक्षा और उनके हितों का ध्यान रखने की शपथ दिलाई ।
इस दौरान सभी ने चिकित्सालय में मरीजों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखने, मरीज के साथ सौम्य और अच्छा व्यवहार करने, मरीज की निजता और गोपनीयता का ध्यान रखने, चिकित्सकीय उपचार और तरीकों से पहले सही मरीज की पहचान करने, मरीज व उनके परिजनों को उपचार और तरीकों की पूरी जानकारी देने, मरीजों के उपचार और तरीकों में धैर्य और सावधानी बरतने, किसी प्रकार के विशेष तरीके या जांच आदि से पहले मरीज व उनके परिजनों से सहमति लेने, मरीज को सही समय पर सही तरीके से दवा देने और डाक्यूमेंटेशन करने, मरीज का प्रतिदिन बेड टू बेड हैण्डओवर लेने, मरीज की भर्ती व डिस्चार्ज प्रक्रिया नियमानुसार करने, मरीज को दी गई दवाओं का नियमानुसार आडिट करने व उनके परिणाम में सुधारात्मक व निवारक कार्यवाही करने, चिकित्कीय प्रक्रिया में मरीज और मरीज के परिवार को परामर्श एवं फीडबैक के लिए शामिल कर सुधारात्मक व निवारक कार्यवाही करने की शपथ दिलाई गई ।
जिला क्वालिटी एश्योरेंस (डीसीक्यूए) के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ यू सी वर्मा ने कहा कि इस समय स्वास्थ्य कर्मियों व रोगियों की सुरक्षा सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए ऐसे समय में स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल व सुरक्षित करने के लिए सभी को योगदान देना चाहिए। इसके साथ ही ऐसी सुरक्षित प्रणाली को जल्द से जल्द बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जहां इलाज में होने वाली त्रुटियों पर निगरानी रखी जाए और इसके लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
जिला सलाहकार क्वालिटी एश्योरेंस डॉ. शेखर यादव ने कहा कि हमें एक ऐसी संस्कृति को विकसित करने की आवश्यकता है जो मरीजों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बीच साझेदारी को बढ़ावा दे। इसमें जवाबदेही हो और ऐसा वातावरण हो जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता भयमुक्त होकर अपनी गलतियों को स्वीकार कर सकें और उनसे सीख सकें। इसके साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की गलतियों को कम करने के लिए उन्हें सशक्त और प्रशिक्षित करने पर बल दिया जाता हो। इस दौरान चिकित्सालय के स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।