फर्रुखाबाद 24 अगस्त 2022 डेंगू मच्छर पैदा होने के लिए आजकल का तापमान अनुकूल है। यह देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग अतिसतर्क है। साथ ही जनपदवासियों से अपील है कि मच्छर जनित इस रोग से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतें।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने ग्राम बाहिदपुर और बलीपुर में लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया l उन्होंने बताया कि डेंगू एक वायरल रोग है। यह मच्छर के काटने से फैलती है l अगर बारिश के मौसम में कुछ सावधानियां बरती जाएं, तो डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इस दौरान डॉ माथुर ने कई जगह पर लार्वा स्रोत का निरीक्षण किया और लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव कराया । साथ ही ग्राम प्रधान सुनील कुमार को गांव में साफ सफाई और लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए l तो वहीं सहायक मलेरिया अधिकारी नरजीत कटियार ने कीरतपुर में लार्वा स्रोत देखे और मौके पर ही उनको नष्ट कराया और लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व इस मौसम में अन्य संक्रामक रोगों से कैसे बचा जाए जागरूक किया l
डॉ. माथुर ने बताया कि डेंगू एक वायरल डिजीज है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है l डेंगू के मामले बरसात में बढ़ जाते हैं, सितंबर से लेकर नवंबर तक डेंगू का खतरा ज्यादा रहता है l डेंगू की चपेट में आने पर तेज बुखार के साथ पीड़ित की प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं और शरीर कमजोर हो जाता है l इसका सही समय पर इलाज कराना जरूरी होता है l लापरवाही बरतने से स्थिति गंभीर हो सकती है l इसलिए बुखार आने पर सभी लोगों को ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए l
डॉ माथुर ने बताया कि पिछले वर्ष जिले में 43 लोग डेंगू से पीड़ित मिले थे इस वर्ष अभी तक कोई भी व्यक्ति डेंगू से पीड़ित नहीं मिला हैl साथ ही कहा कि जनवरी 2021 से दिसंबर 21 तक 28316 लोगों की रक्त के नमूने लिए गए जिसमें से 155 लोग मलेरिया रोग से ग्रस्त निकले, वहीं इस वर्ष जुलाई 2022 तक कुल 32441 मरीजों के रक्त के नमूने लिए गए जिसमें से 21 लोग मलेरिया से ग्रस्त निकले सभी अब स्वस्थ हैं l
डॉ माथुर ने बताया कि जिले की सभी सीएचसी, पीएचसी डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय और सिविल अस्पताल लिंजीगंज में डेंगू और मलेरिया की जांच के लिए किट मौजूद हैं l
डॉ माथुर ने बताया कि डेंगू की जांच जिले में कहीं नहीं होती है इसके लिए मरीज के रक्त का नमूना तिर्वा मेडिकल कालेज भेजा जाता है l
साथ ही कहा कि डेंगू से निपटने के लिए जिले में डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में 15 बेड और सभी सीएचसी पर 10 10 बेड आरक्षित कर दिए गए हैं l कोई भी व्यक्ति अगर डेंगू मलेरिया से ग्रसित आता है तो उसको भर्ती कर फौरन इलाज़ शुरू कर दिया जायेगा l
ग्राम कीरतपुर में लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करते हुए नरजीत ने कहा कि बरसात के मौसम में मच्छर के प्रजनन की दर कई गुना बढ जाती है। डेंगू से निपटने में समुदाय की भागीदारी होनी जरूरी है।
नरजीत ने कहा कि डेंगू होने पर व्यक्ति को ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होता है, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द शुरू होता है, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का सा दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लालगुलाबी रंग के रैशेज हो सकते है। खून की जांच कराने पर मुख्यतः रक्त में प्लेटलेट्स कम होने लगती है। कमजोर इम्यूनिटी जैसे शुगर, किडनी, श्वांस एलर्जिक अस्थमा के रोगी को डेंगू से बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।
डेंगू से बचने क लिए जरूरी है कि मच्छर के लार्वा को उत्पन्न होने से रोका जाए। इसके लिये जरूरी है कि घर में किसी भी प्रकार से पानी जमा नहीं रहना चाहिए। साफ सफाई और स्वच्छता रहनी चाहिए। घर के बाहर भी पानी का जमाव नहीं होना चाहिए। कूलर में पानी रोज बदलना चाहिए। एसी का पानी भी निस्तारित होना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। कमरे की खिडकियों में बारीक जाली का फ्रेम लगवाएं।
इस दौरान वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अशोक यादव, मलेरिया निरीक्षक विकास दिवाकर, प्रवीन कुमार उपस्थित रहे l