पीलीभीत: शाहजहॉपुर की सीमा तक 16 ग्राम पंचायतों में 47 किमी0 की पदयात्रा कर कार्यों की गुणवत्ता का स्थलीय निरीक्षण किया गया।

पीलीभीत तहसील कलीनगर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम माधौटांडा के सपीम स्थित ग्राम हरिपुर फुलहर में मॉ गोमती उद्गम स्थल से गोमती नदी की अविरल धारा जनपद की 16 ग्राम पंचायतों से होकर लगभग 47 किमी की दूरी तय करने के उपरान्त जनपद शाहजहॉपुर की सीमा में प्रवेश करती है। पिछले 02 माह में मनरेगा योजना के अन्तर्गत गोमती नदी के पुर्नद्वधार एवं पुर्नजीवन का कार्य किया गया है। जिलाधिकारी के द्वारा स्वयं उद्गम स्थल से लकर जनपद शाहजहॉपुर की सीमा तक 16 ग्राम पंचायतों में 47 किमी0 की पदयात्रा कर कार्यों की गुणवत्ता का स्थलीय निरीक्षण किया गया। मॉ गोमती के किनारे 16 ग्राम पंचायतों मं आरती हेतु घाट का निर्माण कराया जा चुका है।
जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा मुख्य विकास अधिकारी निर्देशित किया गया कि सभी 16 घाटों पर प्रतिदिन नियमित रूप से सांयकाल में मॉ गोमती की आरती हो तथा प्रातःकाल में योग-अभ्यास कराया जाये। उक्त घाटों पर प्रतिदिन मॉ गोमती की आरती एवं योगाभ्यास कराये जाने हेतु सम्बन्धित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाये, जिसमें ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी पदेन सचिव एवं अन्य समस्त ग्राम स्तरीय अधिकारी सदस्य होगें, उक्त गठित समिति का दायित्व होगा कि वह अधिक से अधिक ग्रामवासियों को आयोजन से जोड़ते हुए प्रतिदिन समस्त घाटों पर मॉ गोमती की आरती कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।
जिलाधिकारी द्वारा उप जिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया मॉ गोमती के दोनों तटों से सटे हुये समस्त खेतों में रासायनिक खाद एवं कीटनाशक के प्रयोग पर निषेध लगाया जाये और सम्बन्धित किसानों के साथ निरन्तर गोष्ठियों एवं प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक कर फसलों हेतु, जैविक/प्राकृतिक खेती का प्रयोग कराया जाये, जिससे रसायनों से होने वाला नदी का प्रदूषण नियंत्रित होगा। मॉ गोमती नदी दोनों ओर तट से लगभग 1000मी0 तक पानी समर सेविल/पम्प को चलाने से हतोत्साहित किया जाये, जिससे गोमती नदी के जल का दोहन एवं होने वाले प्रदूषण पर रोक लग सके। मॉ गोमती नदी में मछली पकड़ने को निषेध किया जाये, जिससे जैव-विविधता पर्यावरण संतुलन हेतु बनी रहें, मॉ गोमती नदी से सटे सम्बन्धित ग्राम पंचायतों में खुले में शौच पर रोक लगाई जाये। इससे संक्रामक बीमारियों पर रोक लगेगी तथा नदी का जल स्वच्छ रहेगा। मॉ गोमती नदी के किनारे स्थित ग्राम पंचायतों में गन्दे पानी एवं अपशिष्ट पदार्थो के नदी में विसर्जन पर पूर्णतया रोक लगाई जाये। नदी के दोनो ओर खेतों में मिट्टी खनन पर पूर्णतया रोक लगाई जाये।