कलयुगी औलादों का कारनामा देखिए तीन तीन भाइयों के होते हुए भी माँ खा रही है दर दर की ठोकरें
10 वर्षों से अकेली एक झोपड़ी में रहने को मजबूर है एक 75 साल की महिला
तीन औलादों में से कोई भी नहीं रखता है अपने पास
और न ही कोई खाना देता है न पानी
तीनों भाइयों ने रिहायसी जमीन 3 हिस्सों में बांट कर तीनों ने अपने अपने मकान बना लिए और माँ के लिए एक झोपड़ी भी नहीं बनाई
माँ के हिस्से में आई 30 गज जमीन जिसपर उसने एक घास फूंस की झोपड़ी बना रखी है
उस पर भी है तीनों की गिध्द दृष्टि
कह रहे हैं इस जमीन को बेंचकर लड़की की शादी में हुआ कर्ज़ अदा करो और निकल लो अपने भाइयों के पास
आपका कोई नहीं है यहां
दिनांक 18 6 2022 को यह माता जी और इनके 2 भाई हमारे निवास पर आये और उन्होंने हमसे मदद मांगी
हम उन्हें लेकर भोजीपुरा थाना गए और थाना प्रभारी साहब को सारी बात बताई
तो उन्होंने 101 परसेंट कार्यवाही करने की बात कही है
अब न तो बुढ़िया माता की झोपड़ी बिकेगी और लालची औलादें जाएंगी जेल
बापस आकर मां को देंगे भरण पोषण हेतु 3000 रुपया मासिक खर्चा
मतलब कुल मिलाकर 9000 रुपया माहवार
और नहीं देंगे तो फिर जेल की हवा खाएंगे
रिपोर्ट फय्याज अहमद समाजसेवी
अध्यक्ष फय्याज अहमद जन कल्याण सेवा समिति रजि0 बरेली