पीलीभीत प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के हितार्थ अनेक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। ये सभी योजनाए दिव्यांगजनों को पुनर्वासित कर समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के अपने वृहतर उद्देश्य की पूर्ति करती है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं दिव्यांगजनों के आर्थिक, शैक्षणिक पुनर्वासन के साथ आवश्यक शारीरिक एवं मानसिक पुनर्वासन को भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार दिव्यांग व्यक्तियों हेतु भरण पोषण अनुदान (दिव्यांग पेंशन) योजना के अन्तर्गत ऐसे दिव्यांगजन जिनके जीवनयापन के लिए स्वयं का न तो कोई साधन है और न ही वे किसी प्रकार का परिश्रम कर सकते हैं उनके भरण-पोषण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना अंतर्गत पूर्व में रू0 500/- प्रति माह लाभार्थी की दर से अनुदान दिया जाता था, उसको प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने दिनांक 01 दिसम्बर, 2021 से बढ़ाकर रू0 1,000/- प्रति माह प्रति लाभार्थी की दर से देने का आदेश जारी किया है। अद्यतन वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिव्यांगजन पेंशन योजना के अन्तर्गत प्राविधानित धनराशि रू0 89402.00 लाख के सापेक्ष रू0 89401.98 लाख का व्यय करते हुए चतुर्थ किश्त में अद्यतन कुल 11,17,314 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए दिव्यांगजन को पूर्व में रू0 2500/- प्रति माह प्रति लाभार्थी की दर से अनुदान दिया जाता था, जिसको मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 01 दिसम्बर, 2021 से बढ़ाकर रू0 3,000/- प्रति माह प्रति लाभार्थी की दर से कर दिया है। उसी दर से लाभान्वित किया जा रहा है। अद्यतन वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुष्टावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत प्राविधानित धनराशि रू0 3900.00 लाख के सापेक्ष कुल 11,430 कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
प्रदेश में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण क्रय हेतु अनुदान योजना संचालित करते हुए प्रदेश में 40 प्रतिशत या उससे अधिक की दिव्यांगता वाले दिव्यांगजन जिनकी आय गरीबी की रेखा के अन्दर हो, को अधिकतम रू0 10,000/- के कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राविधानित धनराशि रू0 3740.00 लाख के सापेक्ष कुल 19,964 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
दिव्यांगजनों के लिए संचालित शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के अंतर्गत शल्य चिकित्सा नियमावली के अर्न्तगत विभाग द्वारा 21 प्रकार की शल्य क्रियाओं के लिए प्रति लाभार्थी प्रति वर्ष रुपये 8000/-(आठ हजार मात्र) की दर से अनुदान देय था, जिसको प्रदेश सरकार ने दिनांक 06 जुलाई, 2017 से रूपये 10,000/-(दस हजार मात्र) प्रति लाभार्थी प्रति वर्ष कर दिया है।
शल्य चिकित्सा अनुदान योजनान्तर्गत दर्ष 2018-19 में श्रवण बाधित दिव्यांगता वाले बच्चों का कॉक्लियर इम्प्लान्ट को भी सम्मिलित किया गया। कॉक्लियर इम्प्लान्ट योजनान्तर्गत अनुदान की धनराशि प्रति लाभार्थी प्रति इम्प्लान्ट रू0 6.00 लाख निर्धारित की गयी है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 143 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
दिव्यांग दम्पत्ति को शादी करने पर संचालित प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत दिव्यांगजन को विवाह करने पर प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अन्तर्गत दम्पत्ति में युवक के दिव्यांग होने की दशा में रू0 15,000/- युवती के दिव्यांग होने की दशा में रू० 20,000/- तथा युवक व युवती दोनों के दिव्यांग होने की दशा में रू0 35,000/- की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाती है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राविधानित धनराशि रू0 264.00 लाख के सापेक्ष रू0 81.90 लाख का व्यय करते हुए अद्यतन कुल 324 दम्पतियों को लाभान्वित किया गया है।
दिव्यांगजनों के पुनर्वासन हेतु दुकान निर्माण/संचालन योजना के अन्तर्गत दिव्यांग जन के पुनर्वासन हेतु रू0 20000/- की धनराशि दुकान निर्माण हेतु अथवा रू० 10000/- की धनराशि दुकान संचालन हेतु देने की व्यवस्था है। इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में अद्यतन 985 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में योजनान्तर्गत अन्तर्गत कुल 164 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया जा चुका है।
प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को प्रतिपूर्ति योजना संचालित की है। इस योजनान्तर्गत न्यूनतम् 40 प्रतिशत या उससे अधिक की दिव्यांगता वाले दिव्यांगजन को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों के अंतिम गंतव्य स्थल तक निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं ।
वर्ष 2020-21 में प्राविधानित धनराशि रूपये 35.00 करोड़ का भुगतान उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को किया गया है। अद्यतन वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना के अन्तर्गत कुल धनराशि 40 करोड़ का प्राविधान किया गया है, जिसके सापेक्ष भुगतान उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को किया गया है।