फर्रुखाबाद : कोल्हू पर काम कर रहे किसान का 20 वर्ष पूर्व डकैतों ने अपहरण कर लिया। चीख पुकार पर बचाने पहुंचे उसके पिता को बदमाशों ने गोली मार दी। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इस मामले में एससीएसटी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार गुप्ता ने तीन डकैतों को अपहरण व हत्या में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के अलावा 35-35 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।
कंपिल थाना क्षेत्र के गांव कमरुद्दीन नगर निवासी राकेश कुमार ने 16 फरवरी 2002 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि उनका भाई रामऔतार कोल्हू पर गन्ना की पेराई कर रहा था। इसी बीच एक दर्जन से अधिक डकैत वहां पहुंचे और रामऔतार को खींचकर ले जाने लगे। चीखपुकार सुनकर पिता रामभरोसे जाटव ने रामऔतार को बचाने का प्रयास किया तो डकैतों ने पिता को गोली मार दी। जिससे उनकी मौत हो गई। बदमाशों ने उनके भाई को धमकी दी थी वह अपनी जमीन गांव के राकेश कुमार यादव व रामपाल को सौंप दें। अपहृत को छुड़ाने के बदले में तीन लाख रुपये की मांग भी की गई। मुकदमे के विवेचक तत्कालीन क्षेत्राधिकारी एके मौर्य कंपिल थाना पुलिस व पीएसी के साथ कटरी में 15 मार्च 2002 को कांबिंग कर रहे थे। इसी बीच बदमाशों से मुठभेड़ हो गई और अपहृत रामऔतार को बरामद कर लिया गया। मुठभेड़ में कई लाेग घायल हुए थे। जनपद एटा थाना सिकंदरपुर वैस के गांव नगला नैनसुख निवासी डकैत सत्यराम मौके पर ही दबोच लिया गया। सत्यराम से पूछताछ के दौरान कई डकैतों के नाम सामने आए। जिसमें कुख्यात डकैत कलुआ का प्रमुख साथी जिला पीलीभीत थाना बीसलपुर के गांव परनिया निवासी देवेंद्र फौजी, जनपद एटा थाना सिकंदरपुर के नगला दुर्जन निवासी रामवीर, जनपद बदायूं थाना उसैत के नगला दल निवासी सुल्तान, कमलाईपुर निवासी विशुनदयाल, जनपद शाहजहांपुर के थाना परौर के गांव नगला पूरन निवासी महावीर, थाना मिर्जापुर के गांव नगला मंशा निवासी ऋषिपाल व गांव कमरुद्दीनपुर निवासी विजेंद्र यादव शामिल थे। सभी के खिलाफ 26 अगस्त 2002 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान एडीजीसी अनुज प्रताप सिंह, अशोक कटियार व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त सत्यराम, विजेंद्र यादव व ऋषिपाल को दोषी करार देते हुए हत्या में आजीवन कारावास व बीस-बीस हजार जुर्माना की सजा सुनाई। दहशत फैलाने में दो-दो साल सजा व पांच-पांच हजार जुर्माना, अपहरण करने में उम्रकैद व दस-दस हजार जुर्माना की सजा से दंडित किया। वहीं बरेली सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे देवेंद्र फौजी व विशुनदयाल को साक्ष्य के अभाव बरी कर दिया। मुकदमा विचारण के दौरान महावीर व सुल्तान की मौत हो गई। आरोपित रामवीर की पत्रावली प्रथक कर दी गई।
सवांददाता: सम्राट शाक्य