फर्रुखाबाद:डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में हर सोमवार को होगा क्लब फुट से ग्रसित दो वर्ष तक के बच्चों का मुफ्त इलाज सीएमओ ने फीता काटकर किया क्लब फुट क्लीनिक का शुभारम्भ


फर्रुखाबाद 4 अप्रैल 2022 जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर (क्लब फुट) से ग्रसित छोटे बच्चों के पंजे ठीक हो सकते हैं। यह बच्चे सामान्य तरीके से चल व खेल सकते हैं जिससे वह भी सामान्य बच्चों की तरह अपनी जिंदगी जी सकें | इसलिए डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरुष में क्लब फुट से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए सोमवार को सीएमओ डॉ सतीश चंद्रा ने मिरेकल फीट संस्था के साथ मिलकर क्लब फुट क्लीनिक का शुभारम्भ फीता काटकर किया |
सीएमओ ने बताया कि डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरुष में क्लब फुट से ग्रसित बच्चों का निशुल्क इलाज अब हर सोमवार को किया जायेगा |
सीएमओ ने बताया कि अक्सर माता-पिता बच्चों में इस तरह की समस्या होने पर परेशान हो जाते हैं और सही इलाज के बारे में जानकारी के अभाव में बच्चों का समय से इलाज नहीं हो पाता। इसलिए इस बारे में जनपद के सभी सीएचसी चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि प्रसव उपरांत यदि कोई बच्चा क्लब फुट समस्या से ग्रसित दिखता है तो उसके इलाज के बारे में पूरी जानकारी अभिभावकों को दी जाए |
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरुष में तैनात ऑर्थो सर्जन डॉ ऋषि कान्त वर्मा ने बताया कि क्लब फुट बीमारी से बच्चों के पैर जन्मजात टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं | इसमें सही समय पर सही इलाज द्वारा बच्चे को जीवन भर के लिए दिव्यांग होने से बचाया जा सकता है।
उन्होंने कहा जिनके बच्चे जन्मजात टेढ़े मेढ़े पैर की समस्या से जूझ रहे हैं वह अस्पताल में प्रत्येक सोमवार को आकर बच्चे का निशुल्क इलाज और उचित परामर्श ले सकते हैं ।
डॉ वर्मा ने बताया कि यदि नवजात शिशु को क्लब फुट की समस्या है तो उसका इलाज जितना जल्दी शुरू होगा परिणाम उतने ही बेहतर आएंगे |
डॉ. वर्मा ने बताया कि क्लब फुट का इलाज पोनसेटी विधि के अनुसार होता है | इसके तीन चरण होते हैं |
पहला चरण – पंजे को व्यवस्थित तरीके से उसकी सही स्थिति में लाकर उस पर प्लास्टर चढ़ाते हैं जिसे कास्टिंग कहते हैं। इस प्रक्रिया में 4 से 8 हफ्ते तक का समय लगता है और बच्चे को किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता।
दूसरा चरण टेनोटॉमी-अधिकतर बच्चों के मामले में एड़ी (एकिलीज टेड़ान) में एक मामूली से कट की जरूरत पड़ती है जिससे पंजा ऊपर व नीचे हरकत करने लायक हो जाता है। इस विधि में 3 हफ्ते का समय लगता है।
तीसरा चरण ब्रेसिंग- इस चरण में पंजे को सही स्थिति में रखने के लिए दो जूतों वाली छड़ (ब्रेस) का उपयोग होता है। जब प्लास्टर हटाते हैं तो उसके तुरंत बाद बच्चे को ब्रेस बनाए जाते हैं | ब्रेस तीन महीनों तक दिन रात पहनना चाहिए जिससे परिणाम बेहतर आते हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक अमित शाक्य ने बताया कि मिरेकल फीट फाउंडेशन के को-ऑर्डिनेटर सौरभ सिंह के फोन नंबर 9621635440 पर भी संपर्क कर क्लब फुट से ग्रसित बच्चों के इलाज संबंधी जानकारी ले सकते हैं।
इस दौरान डीआइओ डॉ प्रभात वर्मा, डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय के सीएमएस डॉ राजकुमार गुप्ता, ऑर्थो सर्जन डॉ योगेन्द्र मिश्र, मिरेकल फीट संस्था से मनीष, को-ऑर्डिनेटर सौरभ, अभिषेक वाजपई सहित अन्य लोग मौजूद रहे |