आँवला – यूक्रेन में शिवपुरी के तन में विश्वास व वीरेंद्र मौर्य एक ही यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस फोर्थ ईयर की पढ़ाई कर रहे थे हंगरी देश के बूटा पेस्ट में बुधवार को पहुंच गए थे वहां से भारतीय दूतावास के द्वारा भारतीय प्लेन से दिल्ली बृहस्पतिवार को 9:30 बजे आ गए दिल्ली से सरकारी गाड़ी को गांव तक छोड़ने भेजा गया घर वाले इतने उत्सुक थे कि मुरादाबाद से ही अपने साथ ले आई दोनों बच्चों का गांव में श्री हरि बाबा मंदिर पर गांव वालों ने भव्य स्वागत किया मंदिर में वीरेंद्र और तन्मय की माताओं ने प्रसाद चढ़ाया फिर एक ही घर में ले जाकर धन्यवाद इंडिया की रंगोली सजी हुई थी फिर मां सविता विश्वास एवं राम बेटी ने केक कटवाया और फूल मालाओं से स्वागत किया तथा मिठाई बाटी
तन्मय की मां बेटे को गले लगा कर खुशी के आंसू रोक न सकी उन्होंने कहा कि मेरा इकलौता बेटा मुझे मिल गया है इससे बड़ी और खुशी क्या होगी
वीरेंद्र की मां रामबेटी भी बेटे को गले लगा कर रोने लगी बेटे को पाकर मोदी जी का धन्यवाद देने लगी कि मेरा बेटा सकुशल घर आ गया
तन्मय के पिता डॉ दुलाल विश्वास ने भारत सरकार का धन्यवाद दिया और कहां कि एक पिता को इससे बढ़कर और खुशी क्या होगी कि ऐसे संकट में भी मेरा बेटा मिल गया
वीरेंद्र के पिता डॉ सूरजपाल मौर्य ने कहा कि एक पिता को बड़ी गौरव की बात है की ऐसी परिस्थिति में बच्चे वापस आ गए हमारी कोई औकात नहीं थी कि हम अपने बच्चों को घर ला पाते हम माननीय मोदी जी को तहे दिल से धन्यवाद देते हैं और आशा करते हैं कि ऐसे ही हमें मार्गदर्शन मिलता रहे
तन्मय और वीरेंद्र ने बताया कि वहां के हालात बड़े ही भयावह थे यह लग रहा था कि हम अपने देश अब नहीं पहुंच पाएंगे बाजार 9 से 12:00 बजे तक खुलते थे बाजार खुलते ही 100 से 200 लोगों की लाइन दुकानों पर लग जाती थी इस पर भी सायरन जब बचता था तो सब अपने अपने बेसमेंट में चले जाते थे छूट मिलते ही हम दौड़ते हुए स्टेशन पर आकर ट्रेन में बैठ गए हमें नहीं पता था कि यह ट्रेन किस देश के बॉर्डर पर ले जाएगी लवीव स्टेशन पर पहुंच कर पता लगा कि हंगरी देश का बॉर्डर नजदीक है और हम हंगरी देश के बूटा पेस्ट शहर में आ गए वहां से भारतीय दूतावास के द्वारा दिल्ली छोड़ा गया और दिल्ली से सरकारी गाड़ी से हम अपने घर तक आ गए।
रिपोर्टर – परशुराम वर्मा