फर्रुखाबाद : क्षय रोग यानि टीबी को मात दे चुके लोग अब टीबी चैंपियन की भूमिका में नजर आएंगे | वह लोगों को टीबी से बचाव के बारे में जागरूक करने के साथ ही उनको सहयोग भी प्रदान करेंगे। इसके साथ ही इलाज करा रहे रोगियों का हौसला भी बढ़ाने का काम करेंगे | इसके लिए जिला क्षय रोग विभाग ने मंगलवार को 18 टीबी चैंपियन को प्रशिक्षित किया
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुनील मल्होत्रा ने बताया कि देश से टीबी को वर्ष 2025 तक खत्म करने की दिशा में हर स्तर पर प्रयास चल रहा है। इसके लिए जनपद स्तर पर टीबी रोगियों की पहचान कर इलाज किया जा रहा है। इसमें अब स्वस्थ हो चुके टीबी चैंपियन का भी सहयोग लिया जाएगा।
डॉ मल्होत्रा ने बताया कि टीबी चैम्पियन क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को टीबी की बीमारी और उसके इलाज के बारे में जानकारी देंगे और समझाएंगे कि टीबी लाइलाज नहीं है ।
जिले के सभी सात ब्लॉक कायमगंज, कमालगंज, शमसाबाद, राजेपुर, नवावगंज, मोहम्दाबाद, बढपुर, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और जिला क्षय रोग केंद्र फतेहगढ़ में बने टीबी यूनिट से दो-दो लोगों का चयन टीबी चैम्पियन के रूप में किया गया है
डॉ मल्होत्रा ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति में साधारण टीबी है और उसको इन चैम्पियन द्वारा टीबी यूनिट से इलाज कराया जाता है तो इलाज पूरा होने पर 1000 रूपये और एमडीआर टीबी से ग्रसित टीबी रोगी के इलाज पूरा होने पर पाँच हजार रुपये सरकार द्वारा दिए जाएंगे |
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक (डीपीसी) सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले में नौ मार्च से घर – घर टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जायेगा | इस अभियान के अंतर्गत 148 टीमें गठित की गयी हैं जो घर – घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी जुटायेंगी | यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण प्रतीत हुए तो उसका बलगम लेकर टीबी की जाँच के लिए डाट्स केंद्र पर भेजा जायेगा और जाँच में टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत इलाज शुरु किया जाएगा
टीम सघन टीबी रोगी खोज अभियान में जिले की लगभग 4.40 लाख आबादी व करीब 75 हजार घरों का भ्रमण कर टीबी से ग्रसित व्यक्ति का खोज करेंगी
श्री तिवारी ने बताया कि जिले में जनवरी 2021 से दिसम्बर 2021 तक लगभग 3,102 टीबी रोगी चिन्हित किये गए, जिसमे से 1,696 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं इस समय 1,406 मरीजों का इलाज चल रहा है जनवरी 2021 से दिसम्बर 2021 तक लगभग 1,981 लोगों को निक्षय पोषण योजना के तहत लगभग 44 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है ज्ञात हो कि योजना के तहत इलाज के दौरान टीबी मरीज को 500 रुपये प्रतिमाह पोषण के लिए दिए जाते हैं
राजेपुर के ग्राम कुम्हरौर निवासी टीबी चैंपियन लक्ष्मीकांत त्रिवेदी ने बताया कि उन्हें वर्ष 2015-16 में टीबी हो गई थी इस रोग का नाम सुनकर ही डर गया था लेकिन सरकारी अस्पताल से लगातार दवा खाने के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गया सभी से यही कहना है कि कोई भी मरीज बीच में टीबी की दवा न छोड़े, पूरे समय तक टीबी की दवा का सेवन करें ।
सलेमपुर रतन की रहने वाली टीबी चैंपियन गीता देवी ने बताया कि तीन वर्ष पहले टीबी की चपेट में आ गईं थीं, लेकिन उपचार कराने के बाद पूरी तरह ठीक हो गई इसके बाद 4-5 लोगों का उपचार भी कराया, वह सभी स्वस्थ हैं
यह लक्षण अगर दिखाई दें तो न करें नजरअंदाज नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच कराएँ
• छाती में कफ जमना
• 3 सप्ताह या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी का आना
• खांसी के साथ खून आना
• वजन में लगातार गिरावट आना
• थकान का अनुभव होना
• बुखार आना
• रात में पसीना आना
• ठंड लगना
• सीने में दर्द का होना
• सांस लेने में तकलीफ होना
• भूख की कमी
इस दौरान टीबी एचआईवी समन्वयक अमित कुमार सहित विभाग के अन्य लोग मौजूद रहे