गर्भावस्था जागरूकता सप्ताह आज से गर्भवती के स्वास्थ्य की होगी जाँच व दी जाएगी उचित सलाह : डॉ दलवीर
फर्रुखाबाद, 9 फरवरी 2022 बहू के गर्भवती होने की खबर पूरे परिवार के लिए सुखद एहसास देने वाली होती है | इसके साथ ही पूरे परिवार की यह जिम्मेदारी भी बन जाती है कि गर्भवती की हर कोई अपने स्तर से बेहतर देखभाल करे ताकि सुरक्षित प्रसव के जरिए जच्चा-बच्चा को सुरक्षित बनाया जा सके इसी उद्देश्य से
हर वर्ष 10 से 16 फरवरी तक गर्भावस्था जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है इस दौरान गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया जाता है | यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का |
डॉ सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के पहले तीन महीने जोखिम भरे कहे जा सकते हैं। इसलिए पहले महीने से ही सावधानी रखनी शुरू कर देनी चाहिए, इससे होने वाला बच्चा और मां दोनों स्वस्थ रहते हैं।
डॉ सिंह ने कहा इस दौरान गर्भवती के स्वास्थ्य की जाँच की जाएगी और उचित सलाह व दवा दी जाएगी
नगरीय स्वास्थ्य केंद्र रकाबगंज में तैनात स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शोभा सक्सेना का कहना है कि गर्भावस्था का पहला महीना गर्भवती और पेट में पल रहे भ्रूण दोनों के लिए बहुत अहम होता है। गर्भवती के शरीर में ढेरों ऐसे बदलाव हो रहे होते हैं जो पूरी दिनचर्या को प्रभावित करते हैं। वहीं भ्रूण का विकास शुरुआती दौर में है, ऐसे में अगर लापरवाही की तो समस्या हो सकती है।
डॉ शोभा ने बताया कि बच्चे का जन्म खुशियां लेकर आता है पर साथ ही उसके जन्म तक माता-पिता खासकर मां तमाम आशंकाओं और चिंताओं से जूझती रहती है। इसलिए पहली सावधानी यह है कि तनाव से दूर रहे क्योंकि इससे परेशानियां बढ़ेंगी ही। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन, योग और संगीत का सहारा लिया जा सकता है।
शराब, सिगरेट से दूर रहें तो बेहतर है । इसका अजन्मे बच्चे पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का भी कम सेवन करें। इन्हें ज्यादा पीने से सीने में जलन, एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था के शुरू में पौष्टिक खाने की आदत डालें। ज्यादा तला-भुना न खाएं, यह बीपी बढ़ा सकता है, पाचन खराब कर सकता है, एसिडिटी बढ़ा सकता है। बाजार की चीजों और फास्ट फूड खाने से बचें। ऐसा करने से संक्रमण से दूर रहेंगे।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में भ्रूण अस्थिर होता है और गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में बैठने, लगातार खड़े रहने और लंबी यात्रा से बचें। झटकों या सफर की थकान हानिकारक साबित हो सकती है।
साथ ही कहा कि झुकने और भारी चीजों को उठाने से बचें। घर के कामकाज में भी इसका ध्यान रखें। गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ यह सावधानी ध्यान में रखनी होगी।