पीलीभीत में 26 लाख रुपये खर्च कराकर भी ना दिया टिकट

पीलीभीत में बसपा टिकट को लेकर विवाद पैदा हो गया है। एक दावेदार रहे दुर्गाचरन गुप्ता उर्फ अन्ना ने बसपा के मंडल व जिले के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि वह भाजपा को जिताने के लिए जतन कर रहे हैं। उनका दर्द यह भी है कि 26 लाख रुपये उनसे खर्च करा लिए गए लेकिन टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने पार्टी पर खर्च की गई धनराशि का ब्योरा भी पूरा दिया है।पिछले दिनों अन्ना के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। उसमें उनके दो पुत्रों को भी नामजद किया गया, तब से वह भूमिगत हो गए हैं। वह बसपा के सदर विधानसभा क्षेत्र प्रभारी रहे हैं। साथ ही इसी सीट से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार भी रहे हैं लेकिन अंतिम समय में उनका पत्ता साफ कर दिया गया। पीलीभीत सदर सीट से बसपा का टिकट मुश्ताक अहमद अंसारी को मिलने के बाद उन्होंने पार्टी के मंडल व जिला पदाधिकारियों पर भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए काम करने का आरोप लगाया है। इसीलिए पार्टी पदाधिकारियों ने मुस्लिम वर्ग से उम्मीदवार की तलाश शुरू की थी। अन्ना ने पत्र में यह भी बताया कि वह पार्टी में अब तक 26 लाख रुपये से अधिक की धनराशि अपने पास से खर्च कर चुके हैं। यह धनराशि किन किन मदों में खर्च की, इसका उन्होंने पूरा हिसाब भी दिया है। उधर, पार्टी के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि अन्ना इससे पहले भाजपा में रहे हैं। तब वहां भी उन्होंने झंडे, बैनर, होर्डिंग, फ्लैक्सी, रैली पर खर्च किया होगा। हर नेता प्रचार प्रसार के लिए इस तरह के खर्चे करता है। बसपा में रहते हुए उन्होंने जो भी खर्च किया, वह अपने प्रचार प्रसार के लिए ही किया। जिलाध्यक्ष ने भाजपा को जिताने के प्रयास करने के आरोप को बेबुनियाद बताया।