बरेली-बरेली में बज रही अपनी ढपली,गाया जा रहा अपना राग

बरेली/यूपी: खबर के कवर पर तस्वीर देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम किस ओर इशारा कर रहे हैं।अगर समझ गए तो हम इशारा कर रहे हैं।किसानों की उस हालत की ओर जो रात रात भर खेतो में खड़ी फ़सल की रखबाली इस लिए कर रहा है कि अपनी और अपने परिवार को पाल सके लेकिन वर्तमान सरकार ने किसानों को दर्द और बर्बादी के शिवाय कुछ नही दिया है,खेतो से गाय भगाते समय गाय उसे मार दे तो घायल कर दे तक कौन क्या करेगा,किसानों की सबसे बड़ी समस्या खेतो और जंगलों में घूमती गाय हैं जो हर रोज किसानों को दुख देती है,अगर एक मिनट के लिए खेत से हट जाए तो मालूम नही की फसल बचेगी भी या नही,इस लिए वर्तमान सरकार अगर किसानों के इस दर्द को दूर कर दे तो किसानों का पूरा बहुमत मिल जाएगा लेकिन वर्तमान सरकार के लिए यह आवारा पशु गऊ माता है और किसानों की जान की दुश्मन, इस लिए अपने अपने राग को अलापने की जगह आंवला के किसानो के इस दर्द को खत्म करने की जुगत करें