मैनपुरी 2022 के विधान सभा चुनाव का ऐलान होते जिला की विधानसभाओं में हलचल तेज हो गई है ऐसे में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का दुर्ग कहे जाने वाले मैनपुरी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का इंतिहान होना है वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने 2017 के चुनाव में सपा के गढ़ को ढाते हुए विधानसभा भोगांव की सीट पर कब्जा किया था उसके बाद योगी सरकार में रामनरेश अग्निहोत्री को कैबिनेट मंत्रालय में मध् निषेध आबकारी मंत्री भी बनाया गया अब 2022 की आगामी चुनाव में रामनरेश अग्निहोत्री अपनी पूरी ताकत भाजपा के लिए चारों सीटों पर लगा रहे हैं
वहीं समाजवादी पार्टी मैं मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सांसद चुने जाते रहे हैं इस जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं मैनपुरी सदर करहल भोगांव और किसनी..
2017 में इन 4 सीटों पर 3 सीटों पर समाजवादी का कब्जा रहा भाजपा की भीषण आंधी में भी समाजवादी पार्टी 3 सीटें निकालने में कामयाब रही
सदर सीट पर समाजवादी साइकिल चलाए जाने की चुनौती
मैनपुरी की सदर विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी का पावर सेंटर होने के कारण व उत्तर प्रदेश की सबसे एवं विधानसभा सीटों में से है इस इलाके में सपा की ताकत का अंदाज इसी सीट से लगाया जा सकता है
साल 2017 में बीजेपी की जोरदार लहर होने के बावजूद एसपी नेहा से जीत दर्ज की थी सपा की राजकुमार यादव उर्फ राजू यादव ने बीजेपी के अशोक कुमार को हराकर जीत हासिल की थी राजू यादव को 75787 वोट हासिल हुए थे जबकि बीजेपी के अशोक कुमार को 66956 वोट मिले थे जीत का मार्जन लगभग 8831 वोटों का था
मैनपुरी जिले में समाजवादी पार्टी का वर्चस्व है 2017 के पहले विधानसभा चुनाव में देखें तो यह सच भी लगता था लेकिन 2017 में बीजेपी ने सपा के इस गढ़ में सेंध लगाते हुए मैनपुरी की भोगांव विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की 1993 के चुनाव में वहां से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी उपदेश सिंह चौहान ने दी जीत दर्ज की थी इसके बाद से लगातार 2012 तक समाजवादी पार्टी के आलोक कुमार साह इस सीट पर जीत दर्ज करते रहे 2017 के विधानसभा चुनाव में जी बीजेपी के रामनरेश अग्निहोत्री ने 92697 मत हासिल कर सपा के आलोक कुमार सात को 20297 मतों से परास्त किया था
मैनपुरी की आरक्षित सीट किशनी
किशनी विधानसभा से समाजवादी पार्टी की सुरक्षित सीट है साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर के बावजूद सपा ने अपनी यह सीट बचा ली थी वहां से एसपी की बृजेश कुमार कठेरिया विजई रही थी जबकि बीजेपी के सुनील कुमार को दूसरा स्थान मिला था
यादवों का दुर्ग माना जाता है करहल
करौली विधानसभा सीट पर 1989 में ही सपा का दर्द हो रहा है साल 2002 के विधानसभा चुनाव में करहल से बीजेपी के टिकट पर तोरण सिंह को जीत मिली थी जो बाद में सपा में शामिल हो गए थे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कलर्स के चैनल कॉलेज से ही शिक्षा ग्रहण की थी और यह वहां पर शिक्षक भी रहे करें और मुलायम सिंह यादव के गांव से वहीं से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर है करण विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात वार कब जा रहा है इस विधानसभा सीट से 1985 में दलित मजदूर किसान पार्टी के बाबूराम यादव भी विधायक रह चुके हैं 2017 के चुनाव में सपा के सोहन सिंह यादव ने अपने निकटतम प्रतिनिधि बीजेपी के समाचार को 40000 वोट से पराजित किया था क्षेत्र यादों की मौलिकता वाला क्षेत्र है जहां पर भूमिका में 7 ठाकुर ब्राह्मण लोधी और एससी भी अन्य जीतने की भूमिका निभाते हैं करहल पर मुस्लिम और यादबो का दबदबा अच्छा है
रामनरेश अग्निहोत्री का दावा
योगी सरकार में रही कैबिनेट मंत्री बस समाजवादी गढ़ मैनपुरी की विधानसभा सीट 108 से रहे विधायक रामनरेश अग्निहोत्री का कहना है की सपा चारों तरफ से घिर चुकी है सपा की सरकार में गुंडई के बल पर लोगों को परेशान किया जाता रहा है लेकिन भाजपा की सरकार में लोगों के साथ न्याय की भावना के आधार पर कार्य किए गए हैं भाजपा का जो एजेंडा रहा है सबका साथ सबका विकास उस आधार पर इस बार मैनपुरी की चारों सीटों पर भाजपा का प्रयास बहुत अच्छा है और उम्मीद है कि भाजपा इस बार अच्छी स्थिति में समाजवादी पार्टी की गढ़ को ध्वस्त करेगी और विधानसभा चुनाव के इतिहास में फिर से एक नया इतिहास रचेगी भाजपा
रिपोर्ट: अर्पित शर्मा मैनपुरी