बरेली/यूपी –गौ माता का बखान करने बाले नेता और जनप्रतिनिधियों से अर्ज है कि एक बार दिसम्बर की इस हाड़ कम्पा देने बाली ठंड में शाम के सात से रात के 2 2 बजे तक खेतो की मेड पर इन्ही गऊ माता से अपनी फसल बचा कर देखो क्या होता है दर्द,कैसे निकल जाते हैं आंसू जब किसान की लहलहाती फसल को एक नजरअंदाजी मे बर्बाद कर जाती हैं यही गाय,यही आपकी गौ माता, अरे जब इतना ही प्यार है गौ माता से क्यो न अपने घरों में बांध कर सेवा कर लो,उस किसान की क्यो हाय लेते हो जो इस सरकार की दी हुई महंगाई से उबर नही पा रहा है।ऊपर से गौ माता के गुण गाने बाले कह देते हैं कि खेतों की मेड पर तार मत लगाओ,बंदिश मत करो,क्या आपके प्रति यूनिट 4 किलो राशन,एक किलो नमक, एक रिफाइंड और एक किलो चने से पूर्ति हो जाए तो किसान कुछ करे ही क्यो,इनके लिए मिर्च नही चाहिए,अन्य मसाले नही चाहिए, ई स्रम के 500 से गुजर हो जाए तो किसान अपनी जीवनचर्या के के लिए, रात रात भर इस सर्दी में क्यो ठिठुर कर अपनी जिंदगी बिताए,आंवला के रामनगर ब्लॉक क्षेत्र में इतनी गायें हैं कि किसान को रात भर खेत की मेड़ पर बैठ कर खेत की रखबाली करनी पड़ रही है।और वर्तमान सरकार अपनी मस्ती में मस्त है,किसान गाय को भगाए, तो दुख मारे तो दुख,छोड़ दे तो दुख,मरे तो किसान,दुख झेले तो किसान,फसल बर्बाद कराए तो किसान,,वेतनी तो महीने में अपनी वेतन लेकर आराम से खुश हो जाते हैं पर किसान
किसान को 3 या 4 माह से पहले कोई वेतन नही मिलता है,पहले कोउ फसल तैयार नहीं होती,उस पर भी किसान उसकी फसल बर्बाद कर दे तो क्या होगा किसान का,कैसे पले उसका
परिवार,कैसे पढ़े उसके बच्चे स्कूल में कैसे इकट्ठी करे दो जून की रोटी,कैसे जिए अपनी जिंदगी,कैसे कैसे ?अरे सरकार के कारिंदों जरा किसान के दर्द को भी समझो,उनकी मौत क्यो हो रही है यह जानने की कोशिश करो,तब आपकी सरकार सफल है वरना किसान नही तो सरकार नही “”जय हिंद ,जय जवान जय किसान””