पीलीभीत बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनपद चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर व जालौन जैसे आर्थिक रूप से कम विकसित जिलों के सर्वांगीण विकास हेतु बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र को देश की राजधानी दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे एवं यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से जोड़ेगा तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। यह एक्सप्रेसवे झांसी-इलाहाबाद राष्ट्रीय मार्गसं0-35भरतकूप के पास जनपद चित्रकूट से प्रारम्भ होकर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ग्राम कुदरैल के पास जनपद इटावा में समाप्त होगा। एक्सप्रेसवे की लम्बाई 296.070किमी0 है। इस परियोजना से जनपद चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन एवं इटावा लाभान्वित होंगे।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे 04 लेनचौड़ा (6 लेनमें विस्तारणीय) तथा संरचनाएं 06 लेनचौड़ाई की बनायी जा रही है। एक्सप्रेसवे के एक ओर 3.75 मी0चौड़ाई की सर्विस रोडस्टैगर्ड रूप में बनाई जा रही है, जिससे परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेसवे पर सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके।
एक्सप्रेसवे पर 04 रेलवे ओवरब्रिज, 14 दीर्घसेतु, 06 टोलप्लाजा, 07 रैम्पप्लाजा, 268 लघुसेतु, 18 फ्लाई ओवर तथा 214 अण्डर पास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू0 14849.09 करोड़ एवं सिविल निर्माण की अनुबन्धित लागत रू0 7766.81 करोड़ है। निर्माण हेतु बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे को कुल 06 पैकेजों में विभक्त किया गया है।
बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे परियोजना के 06 पैकेज के बिल्डरों का चयन ई-टेंडरिंग के जरिए किया गया है। इस परियोजना में न्यूनतम निविदा अनुमानित लागत से लगभग 12.72 प्रतिशत कम हो गई है, जिससे लगभग रू0 1132 करोड़ कालाभयूपिडाको हुआ है। एक्सप्रेसवे का निर्माण सभी पैकेज के बिल्डरों द्वारा शुरू कर दिया गया है। कोविड-19महामारी के कारण उत्पन्न रूकावट के बावजूद सभी पैकेजों द्वारा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को महामारी पूर्व प्रगति दर प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग का कार्य 100 प्रतिशत, मिट्टी का कार्य 95 प्रतिशत एवं 880 संरचनाओं के सापेख 705 संरचनाएं पूर्ण कर ली गयी हैं। परियोजना की कुल भौतिक प्रगति 74 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुकी है। परियोजना को पूर्ण करने की सम्भावित समयावधि दिसम्बर, 2021 है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे पर चार फ्यूल स्टेशन स्थापित किये जाने हेतु आयल मार्केटिंग कम्पनियों के चयन की बोर्ड से स्वीकृति हो गई है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे परियोजना से देश, प्रदेश और क्षेत्रीय निवासियों को काफी लाभ मिलेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से बुन्देलखण्ड क्षेत्र आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे एवं यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से त्वरित एवं सुगम यातायात के कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण पूर्ण होने से बुन्देलखण्ड क्षेत्र का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और क्षेत्र में समृद्धि आयेगी। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईधन खपत में महत्वूपर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय में बढ़ावा मिलेगा साथ ही क्षेत्रीय जनमानस, युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे से आच्छादित क्षेत्रों में विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में विकसित करने में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे। एक्सप्रेसवे हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों ,भण्डारण गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। इस एक्सप्रेसवे के पूर्ण हो जाने पर पूरे बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित देश, प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। विभिन्न आवश्यक खाद्य वस्तुऐ, औद्योगिक उत्पाद, विभिन्न कृषि व दुग्ध उत्पादों को किसान शीघ्रता से मण्डियों में पहुँचाते हुए अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे।