आयुक्त ख़ाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), जिला खाद्य विपणन अधिकारी, समस्त मण्डी सचिव, समस्त क्षेत्रीय विपणन अधिकारी/विपणन निरीक्षक एवं समस्त जिला प्रबन्धक को धान खरीद के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। धान खरीद में क्रय केन्द्रों पर अनावश्यक भीड़ न हो, इस हेतु ऑनलाइन टोकन व्यवस्था के माध्यम से धान खरीद की जाये। कृषक विभाग वेबसाइट बिण्नचण्हवअण्पद पर ई-उपार्जन मॉडयूल में कृषक पंजीकरण पोर्टल पर प्रथम बार अपनी सुविधा से क्रय केन्द्र हेतु टोकन प्राप्त कर सकते है। यदि किसान द्वारा किसी क्रय केन्द्र पर एक बार अपना धान विक्रय कर दिया गया हो, तो अपना सम्पूर्ण धान उसी क्रय केन्द्र पर ही बेचना होगा और उसी क्रय केन्द्र के टोकन वह प्राप्त कर सकेगा। किसान के मोबाइल नम्बर पर टोक हेतु ओ0टी0पी0 (वन टाइम पासवर्ड) प्राप्त होगा और इस ओ0टी0पी0 को दर्ज कर टोकन प्राप्त कर सकेगा। क्रय केन्द्र पर 01 कार्य दिवस में प्रति कांटा 300 कुन्तल से ज्यादा का टोकन नहीं जारी किया जा सकेगा। किसान द्वारा उप जिलाधिकारी/अपर जिलाधिकारी द्वारा ऑनलाइन सत्यापित धान की मात्रा का ही ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया जा सकेगा। किसान द्वारा क्रय केन्द्रों पर सप्ताह में 04 दिन सोमवार से बृहस्पतिवार तक अधिकतम 50 कुन्तल धान की मात्रा का टोकन जारी कर सकेगा। शुक्रवार व शनिवार के दिन 50 कुन्तल से अधिक मात्रा का टोकन किसान द्वारा जारी किया जा सकेगा। क्रय केन्द्र पर आगामी 15 दिनों में किस दिन कितनी मात्रा का टोकन अवशेष है। किसान अपना टोकन नियत तिथि से 02 दिन पूर्व स्वयं निरस्त कर सकता है, निरस्त करने उपरान्त किसान अपना टोकन पुनः जनरेट कर सकेगा। किसान द्वारा एक बार टोकन जारी कर लेने के बाद पुनः एक सप्ताह बाद ही अवशेष धान की मात्रा का टोकन जारी किया जा सकेगा। जिस क्रय तिथि का टोकन है, उस निर्धारित तिथि को किसान का क्रय केन्द्र पर आकर सांय 04 बजे तक ई-पॉप डिवाइस पर अंगूठा/अंगुली लगाकर उपस्थिति प्रमाणित की जायेगी सायं 4 बजे तक उपस्थित होने वाले किसानों को छोड़कर शेष अनुपस्थित किसानों का उस दिन का टोकन स्वतः निरस्त हो जायेगा। टोकन निरस्त होने पर किसान के मोबाइल नम्बर पर एस0एम0एस0 जायेगा। यदि निर्धारित तिथि पर किसान द्वारा अपना धान न बेंचा गया हो या टोकन निरस्त हो गया हो तो कृषक पुनः ऑनलाइन टोकन प्राप्त कर सकेगा। केन्द्र प्रभारियों को उपरोक्तानुसार ऑनलाइन टोकन व्यवस्था के सम्बन्ध में अवगत कराने का उत्तरदायित्व जिला खाद्य विपणन अधिकारी तथा क्रय एजेसिंयों के जनपदस्तरीय अधिकारियों का होगा। केन्द्र प्रभारी का यह दायित्व होगा कि सांय 4 बजे से पूर्व उपस्थिति होने वाले प्रत्येक किसान की उपस्थिति दर्ज कराये। यदि ऐसी शिकायत प्राप्त होती है कि केन्द्र प्रभारी द्वारा जानबूझकर किसान की उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई तो सम्बन्धित केन्द्र प्रभारी के विरूद्व कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
संवाददाता गोकिल प्रसाद मौर्य