पीलीभीत :जिलाधिकारी द्वारा गांधी जयन्ती के शुभ अवसर पर सरस शोरूम व दो दिवसीय सरस मेले का किया गया शुभारम्भ।

पीलीभीत जिलाधिकारी श्री पुलकित खरे ने आज गांधी जयन्ती के शुभ अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत विकास भवन में सरस शोरूम व गांधी प्रेक्षागृह में दो दिवसीय सरस मेले का फीता काटकर शुभारम्भ किया गया। जिलाधिकारी ने महिला स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने तथा उनके द्वारा तैयार उत्पादों की उचित बिक्री सुनिश्चित करने के दृष्टिगत विकास भवन में सरस शोरूम का आज शुभारम्भ किया गया। उक्त सरस शोरूम में गौ अवशेष से निर्मित उत्पादकों को विभिन्न समूहों को अपनी सामाग्री बिक्री करने हेतु स्थान प्रदान किया गया है। इस शोरूम से जनपदवासी स्थानीय महिला समूहों द्वारा अपने हाथों से निर्मित किये गये गोबर से गमले, दीपक, धूपवती, जैविक खाद विभिन्न प्रकार की मूर्तियां व विभिन्न प्रकार की सजावटी सामाग्री प्राप्त की जा सकती है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि यह शोरूम स्थापित होने से महिलाओं के उत्पादकों को अपने सामान बिक्री करने का उचित स्थान मिला है, इससे उनके उत्पादक को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर जिलाधिकारी ने डिजाइनदार दीपक, मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जैविक खाद, गमले, दीपक तथा अन्य अधिकारियों द्वारा भी सामाग्री खरीदी गई। शोरूम में प्रशिक्षण के उपरान्त सरस टैग के पैकिंग की गई सामाग्री की बिक्री की जा रही है।
आज गांधी प्रेक्षागृह परिसर में दो दिवसीय सरस मेले का शुभारम्भ किया गया। महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा निर्मित उत्पादकों को बढ़ावा देने हेतु इस मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जनपद के विभिन्न खण्डों के 60 समूहों द्वारा अपने उत्पादकों की बिक्री हेतु स्टाल लगाये गये। जिलाधिकारी ने प्रत्येक स्टाल का निरीक्षण करते हुये स्वयं सहायता समूहों से निर्मित किये जा रहे उत्पादों और उनकी बिक्री के सम्बन्ध में जानकारी ली गई। इस दौरान उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि ऐसे स्वयं सहायता समूहों जो खादय सामाग्री के उत्पाद निर्मित करते हैं उनकी सूची तैयार कर ऐसे समूहों को एफएसएससी का टैग प्रदान करने की कार्यवाही की जाये, जिससे आम जन को भी उनके उत्पादकों के प्रति विश्वास बढे़ तथा ऑनलाइन बिक्री हेतु भी व्यवस्थाऐं सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील करते हुये कहा कि उक्त मेले में अवश्य आयें और जनपद की स्थानीय समूहों द्वारा निर्मित की गई, आगामी त्योहारों एवं पूजा हेतु गौ निर्मित सामाग्री प्राप्त कर सकते है। स्वदेशी उत्पादकों का प्रयोग हेतु अवश्य ले जायें, जिसस महिला सशक्तीकरण एवं समूहों की आत्मनिर्भरता बढ़े। सरस मेले में सैनेटरी पैड, एल0ई0डी बल्ब, घर का सजावटी सामान, गुड़िया, टोकरी, जलकुम्भी के उत्पाद, मॉस्क एवं पी0पी0ई किट, दरी व आसन, जरी-जरदोजी, कपडे़ की जैकेट, ताकिया कवर, रेडीमेड शर्ट एवं सूट, चप्पल, खाड, सिरका एवं आर्गनिक खेती, बेकरी, मसाले, दालें, मुरमुरे, शहद, नमकीन, आचार, डेरी उत्पाद, देशी घी, कचरी-कबाब, आटा व दालिया, सरसों तेल, साडू, कुल्हड, मिठाई के डिब्बे, डिटर्जेट पाउडर, पशु आहार, दोना व पत्तल, मोमबत्ती, पेंसिल, गोबर खाद, मूतियॉं, नर्सरी, मिट्टी की मूर्तियां, दीया, गमला, धूपबत्ती, अगरबत्ती आदि निर्मित उत्पादों की बिक्री हेतु स्टाल लगाये गये। आज शाम तक समूहों द्वारा लगभग 40 हजार रू0 के उत्पादकों की बिक्री की गई।
मेले में ज्वाइंड मजिस्ट्रेट नूपुर गोयल, मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रशान्त कुमार श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक श्री अनिल कुमार, खण्ड विकास अधिकारी मरौरी सहित अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।