जौनपुर :हर वर्ष की तरह इस बार भी समाजसेवी मेवालाल मौर्य जी द्वारा जौनपुर में पेरियार रामास्वामी का जन्म दिन मनाया गया।इस अवसर पर प्रियदर्शी अशोक मिशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय कुमार मौर्य ने बताया कि पेरियार ई.वी.रामास्वामी नायकर का जन्म दक्षिण भारत के ईरोड (तमिलनाडु) नामक स्थान पर 17 सितम्बर 1879 ई. को हुआ था। इनके पिताजी का नाम वेंकटप्पा नायकर तथा माताजी का नाम चिन्नाबाई था। वर्णव्यवस्था के अनुसार शूद्र, वेंकटप्पा नायकर एक बड़े व्यापारी थे। धार्मिक कार्यों, दान व परोपकार के कार्यों में अत्यधिक रुचि रखने के कारण उन्हें उस क्षेत्र में अत्यधिक सम्मान प्राप्त था। पेरियार रामास्वामी नायकर की औपचारिक शिक्षा चौथी कक्षा तक हुई थी। 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने पाठशाला को सदा के लिए छोड़ दिया। पाठशाला छोड़ने के पश्चात वे अपने पिताजी के साथ व्यापार के कार्य में सहयोग करने लगे। इनका विवाह 19 वर्ष की अवस्था में नागम्मई के साथ सम्पन्न हुआ।पेरियार रामास्वामी का परिवार धार्मिक तथा रूढ़िवादी था। लेकिन अपने परिवार की परम्पराओं के विपरीत पेरियार रामास्वामी किशोरावस्था से ही तार्किक पद्धति से चिन्तन–मनन करने लगे थे। इनके घर पर अक्सर धार्मिक अनुष्ठान एवं प्रवचन होते रहते थे। रामास्वामी अपने तार्किक प्रश्नों से अनुष्ठानकर्ताओं को अक्सर संकट में डाल देते थे। उम्र बढ़ने के साथ–साथ पेरियार अपनी वैज्ञानिक सोच पर और दृढ़ होते गये। परिणामस्वरूप परिवार की अन्धविश्वास–युक्त एवं ढकोसले वाली बातें, एक के बाद एक रामास्वामी के प्रहार का निशाना बनने लगी। जो भी कार्य उन्हें अनावश्यक लगता था, या तर्कसंगत प्रतीत नहीं होता, उसे अवश्य ही बन्द करने का प्रयत्न करते।मेवालाल मौर्य जी उपस्थित लोगो से पेरियार रामा स्वामी जी विचारों को अपनाकर उनके पदचिन्हों पर चलने की अपील की।इस अवसर पर मुख्य रूप से शाक्य मौर्य सभा के अध्यक्ष प्रेम चन्द्र मौर्य, रामजियावन मौर्य,नरसिंह मौर्य,डीसी दादा,प्रियदर्शी अशोक मिशन के अध्यक्ष कमलाकांत मौर्य,सुनील मौर्य,दूधनाथ मौर्य,ओबीसी महासभा के अध्यक्ष रघुनाथ यादव के साथ साथ अनेक सम्मानित लोग उपस्थित रहें।