पीलीभीत : परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु 12 से 15 अध्यापकों का किया जायेगा चयन।

पीलीभीत जिलाधिकारी श्री पुलकित खरे की अध्यक्षता में गुणवत्ता हेतु संचालिनत योजनाओं को प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में डायट मण्टर, एस0आर0जी0/एआरपी के साथ समीक्षा बैठक गांधी सभागार पीलीभीत की गई। जिलाधिकारी ने उपस्थित समस्त एआरपी, एम0आर0जी0 को निर्देशित करते हुये कहा कि मिशन प्ररेणा के अन्तर्गत शैक्षिक गुणवत्ता हेतु अनेकों कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, परन्तु कोविड के कारण लगभग डेढ वर्ष विद्यालय न खुलने के कारण छात्र/छात्राओं में शिक्षा के प्रति रूझान मानसिक व भावात्मक रूप से कम हुआ है। उन्होंने कहा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय बच्चों के भविष्य निर्माण के नींव के सामन हैं, इसलिए उनकी शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने हेतु जनपद में विशेष योजना तैयार कर कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत सभी समस्त एआरपी अपने क्षेत्र के विद्यालयों में विगत वर्षों में हुई सैट परीक्षा के परिणाम का आंकलन करते हुये विषय वार विद्यालयों की सूची तैयार करे जिसमें कमजोर विषयों व अच्छी विषयों के परिणामों का उल्लेख किया जाये। उन्होंने कहा कि इसी तरह लाल, पीली व हरी श्रेणी में अध्यापकों को भी विभाजित किया जायेगा जो लर्निग आउट कम के आधार पर विभाजित किया जायेगा, सभी एआरपी आगामी 15 दिन में सर्वश्रेष्ठ 12 से 15 अध्यापकों का चयन करें, जिन्होंने विगत सैट की परीक्षाओं में अच्छा योगदान देते हुये लार्निग आउट कम के आधार पर अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर रहे हों और इस प्रकार जनपद में सुपर 100 अध्यापकों की टीम तैयार की जायेगी, जो कमजोर परिणाम वाले विद्यालयों में जाकर सम्बन्धित अध्यापकों को पठन पाठन की सफल प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करेगें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में एसम्बली का कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। इस दौरान बच्चों स्वच्छता, कपडों की साफ सफाई, नियमित ड्रेस व अन्य नियमों का पालन कराया जायेगा। बच्चों को महानपुरूषों के बारे में कहानियां बताई जाये। प्रत्येक माह में अभिभावकों की मीटिंग की जायेगी और बच्चों को शिक्षा के सम्बन्ध में प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ विभिन्न गतिविधियों के साथ जोड़ा जाये, उनका पुस्तकालय के प्रति धीरे धीरे लगाव बढ़ाया जाये और उनको प्रतिदिन पुस्तकें पढ़ने हेतु वितरित की जाये। उन्होंने कहा कि खेल सामाग्री को बॉक्स में न रखकर बच्चों को खेलने हेतु उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि शिक्षण हेतु दीक्षा, प्ररेणा, रेड एलॉग का अच्छा प्रयोग किया जाये और बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन गणित, अंग्रेजी व विज्ञान की विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाये और टीचर डायरी को नियमित अपडेट करते हुये पाठ योजना के अनुसार कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में कायाकल्प के माध्यम से अच्छी व्यवस्थाऐं उपलब्ध कराई गई है अब सभी अध्यापकों का पूर्ण दायित्व है कि बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा दें, जिससे उच्च कक्षाओं में अच्छा परिणाम प्रदान कर सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रशान्त कुमार श्रीवास्तव, ज्वाइंड मजिस्ट्रेट नूपुर गोयल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, एस0आर0जी0/एआरपी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

संवादाता रामगोपाल कुशवाहा