पीलीभीत किसी भी प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर रहने के लिए प्रदेश की कानून और व्यवस्था का दुरुस्त रहना बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि अराजकता भरे माहौल में न तो स्थानीय व्यापारी सुरक्षित महसूस करते हैं और न ही विदेशी निवेशक रुचि लेते हैं। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा व सामाजिक खुशहाली भी कानून-व्यवस्था पर निर्भर करती है। कानून व्यवस्था को चाक-चौबन्द करने के लिए वर्तमान सरकार ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर नगर, वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की है। इस कदम से इन जिलों की कानून और व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 112 यू0पी0 परियोजना को सशक्त बनाते हुए संसाधनों में भी वृद्धि की गई है। औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सुरक्षित वातारण उपलब्ध कराने के लिए लिंक सेवा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। वीमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्प लाइन 181 सेवा के एकीकरण से प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षित माहौल में जीने का अवसर प्राप्त हो रहा है। ’’मिशन शक्ति’’ के अन्तर्गत चलाये गये विशेष अभियान के तहत 5,26,538 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। इसके अलावा प्रदेश के 1,535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। 218 ’’फास्टटै्रककोर्ट’’ महिलाओं से जुड़े अपराधों में त्वरित कार्यवाही कर सुरक्षा और विश्वास का वातावरण निर्मित कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार के एण्टी रोमियो अभियान ने महिला एवं बालिका सुरक्षा के नए कीर्तिमान प्रस्तुत किए हैं। इस अभियान के तहत 10876 अभियोग पंजीकृत किए गए तथा 16045 के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों में ’’महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन’’ की स्थापना महत्वपूर्ण है। वीमेन पावर लाइन पर प्राप्त कुल शिकायतों में से 99.6 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण एक बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश के कारागारों में अराजकता पर अंकुश लगाने के लिए सभी कारागारों में सी0सी0टी0वी0कैमरे लगाए गए हैं। दंगों एवं हिंसा के दौरान सार्वजनिक स्थानों में अशान्ति का माहौल तो बनता ही था साथ ही सार्वजनिक सम्पत्ति का भी बड़े पैमाने पर नुकसान होता था। इस समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने हिंसात्मक कार्य में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही के साथ-साथ सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की वसूली के लिए लखनऊ एवं मेरठ मण्डल में दावा अधिकरण का गठन भी किया। सरकार द्वारा लोक एवं निजी सम्पत्ति की वसूली की कार्यवाही भू-राजस्व के बकाये के रूप में की जा रही है। ’’उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स’’ की स्थापना प्रदेश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए की गयी है। साथ ही ई-प्रॉसीक्यूशन प्रणाली त्वरित न्याय एवं समय की बचत की दृष्टि उपयोगी साबित हो रही है। ई-प्रॉसीक्यूशन प्रणाली के उपयोग में उत्तर प्रदेश देशभर में प्रथम स्थान पर है।
प्रदेश सरकार अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध जीरोटॉलरेंस की नीति का पालन कर रही है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अबतक लगभग 139 खूंखार अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। गैंगेस्टर एक्ट के तहत 42,084 एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत 589 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। यह गर्व की बात है कि दुबई सरकार द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित इण्टरनेशनल कॉल सेण्टर एवार्ड समारोह में यू0पी0 112 सेवा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। यदि हम समग्र रूप से विचार करें तो प्रदेश की कुशल एवं प्रभावी कानून व्यवस्था ने अन्य प्रदेशों के सामने उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
संवाददाता रामगोपाल कुशवाहा