राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपना अलग संगठन बना लिया है। जिसका नाम उन्होंने ‘छात्र जनशक्ति परिषद’ रखा है। तेजप्रताप ने यह संगठन तब बनाया है जब कुछ दिनों पहले आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और उनके बीच तनातनी हो गई थी। तेजप्रताप ने प्रशांत प्रताप को इस संगठन का अध्यक्ष घोषित किया है। आर्यन राय उपाध्यक्ष बनाए गए और पीयूष को महासचिव का पद मिला।
शिक्षक दिवस के अवसर पर रविवार को तेजप्रताप यानव ने अपने सरकारी आवास में कार्यक्रम आयोजित कर नए संगठन का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि ये संगठन आरजेडी से अलग नहीं होगा। ये आरजेडी का ही अभिन्न अंग होगा।
इस दौरान तेज प्रताप ने कहा कि संगठन का मुख्य उद्देश्य बिहार की जनता को किस प्रकार से बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा मिले और कैसे बेरोजगारी की जमस्या को दूर किया जा सके, ये मुद्दे उठाना है। उन्होंने आगे कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य पार्टी को मजबूत बनाना है। इस नए संगठन को लेकर भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी ने सामाजिक न्याय का ढिंढोरा तो खूब पीटा, लेकिन वे अपने परिवार में ही न्याय नहीं कर सके। पारिवारिक सदस्यों के बीच वरिष्ठता के लिहाज से उन्होंने उनकी सम्मानजनक भूमिका तय नहीं की। अब बड़ी बेटी सीमा भारती जी और बड़े बेटे तेजप्रताप को जबरन परिवार और राजनीति के सिस्टम के बाहर कर दिया और राजनीतिक विरासत अपने छोटे बेटे तेजस्वी को सौंप दी। निखिल आनंद ने आगे कहा कि अब जो उन्होंने नया संगठन बनाया है वह छात्रों के नाम से बनाया है, लेकिन दुर्भाग्य है कि उन्होंने खुद अच्छी शिक्षा ठीक ढंग से नहीं ली। अब बोगस विद्यार्थी भला छात्रों का संगठन चलाएगा क्या? तेज प्रताप से कई बार सहानूभूति होने लगती है। वह सफल होते तो नहीं दिखते हैं, लेकिन उनके अपने वजूद स्थापति करने प्रयास के लिए शुभकामनाएं देता हूं।