बरेली : बरेली में बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा पहुंचे. पीलीभीत बायपास स्थित फ़हम लॉन में उन्होंने प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा की उत्तर प्रदेश में दहशत का माहौल है लोगों को डराने धमकाने का काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज धमकियों से न डरें. बल्कि उसका मुकाबला करें. यूपी में आज के हालात बदतर बताते हुए सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि भाजपा के लोगों ने पहले दलित समाज का उत्पीड़न किया फिर ब्राह्मण समाज को निशाना बनाया है।
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने अपने संबोधन में दलित समाज के उत्पीड़न की घटनाओं के साथ ब्राह्मण समाज के लोगों पर हुए अत्याचार के लिए भाजपा सरकार की तीखी आलोचना की. बलिया, हाथरस, प्रतापगढ, रायबरेली उन्नाव, लखनऊ, झांसी, बुन्देलखंड़ के साथ कानपुर के विकास दुबे की घटना का जिक्र कर ब्राह्मणों के उत्पीड़न को बयां किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इनकांउटर का मतलब यह नहीं कि सीधे सीने में गोली मार दें. यह एक तरीके से हत्या है. उन्होंने कहा कि जैसे दलित समाज का उत्पीड़न हुआ है . वैसे ही ब्राह्मण समाज के सैकड़ों लोगों की हत्या की गई. भाजपा सरकार ने ब्राह्मण समाज के लोगों को ठिकाने लगाने का काम किया. खुशी दुबे का जिक्र करते हुए कहा कि उसका क्या दोष था.क्या वह आतंकवादी थी? बड़ी से बड़ी धाराएं लगाकर तीन महीने तक जेल में रखा गया. और जमानत नहीं होने दी. उन्होंने ब्राह्मण समाज पर हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की सोच समाजवादी पार्टी से हट कर नहीं है. समाजवादी पार्टी की सरकार में खुलेआम था कि ब्राह्मणों का काम नहीं करना है. फिर उसके बाद ब्राह्मण समाज ने समाजवादी पार्टी सरकार को सबक सिखाते हुए सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था. सपा सरकार ने भी ब्राह्मण समाज को बेइज्जत करने का काम किया है.
सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण समाज बहुत बड़ी ताकत है. लेकिन बिखरी हुई है. लेकिन अब इकठ्ठे होकर ब्राह्मण समूह के रुप में रहना पड़ेगा.उन्होंने कहा कि बहन मायावती ने ब्राह्मण समाज को देखते हुए कहा था कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा बदल कर कहा था जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नया नारा दिया है. उन्होंने कहा कि बहन मायावती ब्राह्मण समाज के मान, सम्मान और स्वाभिमान वापस दिलाने का काम करेंगी. मायावती के शासन में कानून व्यवस्था को आज भी याद किया जाता है. सपा और भाजपा में अपराधियों को बचाया जाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा केवल धर्म व धर्म स्थली के नाम पर वोट बटोरना जानती है. लेकिन जनहित में काम नहीं करते है. भगवान श्री राम का ठेका भाजपा ने ले रखा है. जबकि ब्राह्मण समाज में जन्म लेते ही पूजा अर्चना के संस्कार डाल दिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि 1993 से ही विदेशों से भगवान श्री राम के मंदिर बनाने के नाम पर चंदा करके लाखों करो़ड़ो रुपये एकत्र कर लिये. सुप्रीम कोर्टे के निर्णय के बाद फिर झोला लेकर चंदा मांगने अपने लोगों को भेज दिया.सतीश चंद्र मिश्र ने पूछा कि आखिर यह रुपया कहा लगाया गया ? मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी कहते है कि हजारों करोड़ रुपये की योजना अयोध्या के लिए दे दिया. लेकिन कौन सी योजना में पैसा लगाया जा रहा है. अयोध्या में कोई समग्र विकास नहीं दिखा. मंदिर के नाम पर एक साल पहले केवल ईट पूजन की है.नींव तक नहीं पड़ पाई है. मंदिर बनाने की बात तो अभी दूर है. उन्होंने कहा कि इनकी नियत मंदिर बनाने की नहीं है. भगवान श्री राम को केवल वोट की वस्तु बना दी है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में राम राज्य की बात करते है. अगर रामराज्य यही है.तो ऐसी कल्पना राम ने भी नहीं की थी. प्रदेश में आपस में लड़ाया जा रहा है. वैमनस्यता फैला कर सिर्फ वोट के लिए महौल बनाया जा रहा है.