बरेली। भारतीय स्टेट बैंक शाखा मीरगंज के पूर्व मैनेजर ने ग्राहकों के एकाउंट में हेरीफेरी कर 27.76 लाख रुपए हड़प लिए। जांच में ग्राहक खातों में धोखाधड़ी की पुष्टि होने पर मौजूदा बैंक मैनेजर ने पूर्व मैनेजर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में थानां मीरगंज पर मुकदमा दर्ज कराया है। मैनेजर ने एकाउंट में की धोखाधड़ी का विवरण पुलिस को सौंप दिया है। आरोपी प्रबंधक को निलंबित कर बैंक विभागीय जांच कर रही है।
संभल जिले के चंदौसी में मोहल्ला विकास नगर के निवासी कपिल कुमार मीरगंज की स्टेट बैंक में शाखा प्रबंधक के पद पर तैनात थे। कपिल कुमार ने अपनी तैनाती के दौरान बैंक के खाताधारकों के खातों में धोखाधड़ी कर लाखों रुपये हड़प लिए। बैंक खातों से बिना जानकारी के रुपये एक संदिग्ध एकाउंट में ट्रांसफर होने का मामला पकड़ में आने पर खाताधारकों ने बैंक अधिकारियों से मामले की शिकायत की थी। बैंक अधिकारियों ने मामला खुलने पर शाखा प्रबंधक कपिल कुमार को मीरगंज से हटाकर बरेली आफिस में संबद्ध कर दिया और उनके मीरगंज बैंक में घुसने पर मौखिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया। मीरगंज में नए शाखा प्रबंधक सौरभ त्रिवेदी की तैनाती की। खातों से संदिग्ध लेने देन की प्राप्त शिकायतों की बीसीडीएम डिपार्टमेंट लखनऊ के अनूप कुमार टंडन ने जांच की और अधिकारियों ने ऑडिट भी कराया। जांच में ग्राहकों के खातों में धोखाधड़ी कर बैंक को 2776126.64 रुपयों का नुकसान पहुंचाने, खातों में गंभीर अनियमितताएं बरतने और खाता धारकों से धोखाधड़ी की पुष्टि हुई।
इसके बाद बैंक मैनेजर सौरभ त्रिवेदी ने सोमवार को पूर्व मैनेजर कपिल कुमार के खिलाफ धारा 420 व 409 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने खातों में की धोखाधड़ी का विवरण पुलिस को सौंप दिया है। उल्लेखनीय है कस्बा के महेश कोल्ड्रिंक के एकाउंट से 5.80 लाख एवं रमेश कोल्ड्रिंक के खाते से 1.80 लाख रुपये की धनराशि संदिग्ध खाते में आरोपी ने ट्रांसफर कर हड़प ली थी। महेश दिवाकर के केसीसी से एक लाख रुपये निकाल लिए थे। महेश व रमेश ने मामले की शिकायत बैंक अधिकारियों से गत दिनों की थी। उनकी शिकायत से इस मामले का खुलासा हुआ था। मीरगंज में तैनात रहे पशु चिकित्साधिकारी के होमलोन की राशि में भी धोखाधड़ी की थी। कस्बा के विनोद दिवाकर ने बताया कि मेरे भाइयों के एकाउंट से 8.80 लाख रुपये तत्कालीन मैनेजर ने हेराफेरी कर निकाल लिए थे। मेरे शिकायत करने पर उन्होंने तीन बार में 6.60 लाख रुपये मुझे वापस कर दिए। अभी भी मेरे भाइयों के 2.20 लाख रुपये नहीं मिले हैं। इसी तरह शिवसहाय शर्मा समेत कई को नोड्यूज जारी करने के बाद भी दोनो को बैंक का बकायेदार बना दिया । प्रभारी निरीक्षक मीरगंज दयाशंकर ने बताया कि पंजीकृत अभियोग की विवेचना प्रचलित है।